नीति आयोग ने देश के अल्प विकसित 112 आकांक्षी जिलों की जनवरी 2023 के लिए चैम्पियन ऑफ चैंज डेल्टा रैंकिंग जारी की. देश के पांच सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिलों की रैकिंग की जानकारी आयोग ने सोशल मीडिया पर शेयर की है. टॉप पांच में बिहार के दो जिले खगड़िया पहले और शेखपुरा चौथे स्थान पर हैं. तीन अन्य जिले हैं मध्यप्रदेश के दामोह ,उत्तर प्रदेश के सोनभद्र और मणिपुर के चंदेल. इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिये जाते हैं.शिक्षा क्षेत्र के लिए मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा, स्कूलों में आधारभूत संरचना, जिसमें टॉयलेट व पेयजल आदि मुख्य हैं.
वर्ष 2018 में लागू आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 13 जिले कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर और नवादा शामिल हैं. केंद्र की इस घोषणा से बिहार के इन 13 जिलों के प्रखंडों में विशेष सहायता मिलती है.
केंद्र सरकार ने देश में 500 आकांक्षी प्रखंडों की घोषणा की है, उनमें 61 आकांक्षी प्रखंड बिहार के भी हैं. केंद्र सरकार राज्य सरकार की मदद से विशेष कार्यक्रम चलायेगी. इन प्रखंडों का चयन केंद्र के आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत किया गया है. विकास के कई पैमानों पर पिछड़े इन प्रखंडों को विकसित प्रखंडों की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जायेगा. शुरुआती दौर में इन प्रखंडों में स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास जैसे इंडीकेटर पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
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इन जिलों के लिए केंद्र से अतिरिक्त फंड का भी प्रबंधन किया जायेगा. प्रखंडों की रैंकिंग की जायेगी ताकि उनमें आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा बढ़ सके. बिहार के पिछड़े 27 जिलों में से 61 प्रखंडों का चयन किया गया है. राज्य के 13 आकांक्षी जिलों(एडी) के भी प्रखंडों का चयन इस कार्यक्रम के तहत किया गया है. जिलों में भागलपुर और कैमूर जिलों के सर्वाधिक पांच-पांच करके के 10 प्रखंड, बेगूसराय के चार, मुंगेर के चार, जमुई के चार, औरंगाबाद और गया के चार-चार प्रखंड हैं. वहीं भोजपुर, कटिहार और बांका के तीन-तीन प्रखंड के नाम शामिल हैं.