मोतिहारी. सीबीआइ ने मोतिहारी कस्टम के दो हवलदारों को घूस का पैसा लेते धर दबोचा. कस्टम कार्यालय के बाहर रेस्टोरेंट से दोनों हवलदार रिश्वत की डिलीवरी लेते रंगेहाथ पकड़े गये. सीबीआइ टीम गिरफ्तार हवलदार लालबाबू भगत व संजय मिश्रा को पटना ले गयी है. घटना के बाद सीबीआइ ने दोनों के घर व ठिकानों की तलाशी ली. इनमें कस्टम कैंपस स्थित संजय मिश्रा के क्वार्टर की तलाशी ली. वहीं शहर के बेलबनवा मोहल्ला स्थित लालबाबू भगत के घर पर भी छापेमारी की.
सीबीआइ को घर की तलाशी में क्या हाथ लगा, इसका खुलासा नहीं हुआ है. मामला जब्त गुटखा को छोड़ने व गोरखपुर से गुटखा की आनेवाली खेप से जुड़ा है. इसके लिए मोतिहारी कस्टम को संबंधित व्यवसायी द्वारा पूर्व से तय रिश्वत की राशि दी जा रही थी. इसमें कस्टम के अधिकारी से लेकर हवलदार तक को रिश्वत का शेयर मिल रहा था. कस्टम अधिकारियों ने मासिक रिश्वत के रुपये को बढ़ाकर एक लाख करने की डिमांड की थी. इसको लेकर आपसी मतभेद हो गया. इसकी शिकायत व्यवसायी ने सीबीआइ से की.
इस पर एक्शन लेते हुए सीबीआइ ने जाल बुना, इसमें दोनों हवलदार पैसा लेते रंगेहाथ पकड़े गये. मामले को ले सहायक कस्टम आयुक्त के मोबाइल पर संपर्क किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ. एक फरवरी 2022 को मोतिहारी कस्टम में कार्यरत कस्टम अधीक्षक दिलीप कुमार चौधरी को 90 हजार घूस लेते सीबीआइ ने कार्यालय से गिरफ्तार किया था. इस मामले को ले ढ़ाका थाना के जमुआ निवासी रिंकू जायसवाल से ट्रक छोड़ने के नाम पर पैसे की मांग की थी. इसमें घूस लेते एक कर्मी के साथ कस्टम अधीक्षक पकड़े गये थे.
कस्टम हवलदारों की गिरफ्तारी मामले में मोतिहारी कस्टम के कई अधिकारी भी रडार पर हैं. माना जा रहा है कि गुटखा प्रकरण में इनकी संलिप्तता भी है. सीबीआइ टीम दो अधिकारियों की भी खोजबीन की. लेकिन एक इंस्पेक्टर को घटना की भनक लग गयी थी, इसके बाद कार्यालय परिसर छोड़ कहीं और चले गये. बताया जाता है कि एक अधिकारी भी घटना के बाद से फरार हैं.