एसकेएमसीएच में चमकी बुखार के दो मरीज भर्ती, तीन बच्चों में एइएस की पुष्टी, छह डायरिया पीड़ित इलाजरत

Bihar News: चमकी बुखार के जो दो बच्चे भर्ती हुए हैं, उनका ब्लड सैंपल जांच के लिए लैब भेजा है. इस साल पीकू में अब तक 63 केस आ चुके हैं. इस साल पीकू में अब तक 63 केस आ चुके हैं. जनवरी से अप्रैल तक इनमें से कांटी के एक बच्चे समेत तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2022 11:14 AM

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती तीन बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में भर्ती जिले के कांटी प्रखंड व सीतामढ़ी के दो बच्चे की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई. इसके अलावा चमकी बुखार के दो बच्चे भर्ती किये गये हैं. उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि कांटी निवासी मुकेश साह की चार साल की पुत्री अलका कुमारी में एइएस की पुष्टि हुई है.

तीन बच्चों में एइएस की पुष्टी

वहीं दो बच्चे सीतामढ़ी निवासी साह राजा के दो साल के पुत्र सनफ राजा व सीतामढ़ी रीगा निवासी मो जावेद के एक साल काेपुत्र मो अरशद में एइएस की पुष्टि हुई है. इधर, चमकी बुखार के जो दो बच्चे भर्ती हुए हैं, उनका ब्लड सैंपल जांच के लिए लैब भेजा है. इस साल पीकू में अब तक 63 केस आ चुके हैं. जनवरी से अप्रैल तक इनमें से कांटी के एक बच्चे समेत तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.

सदर व एसकेएमसीएच में छह डायरिया पीड़ित भर्ती

मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में दो और एसकेएमसीएच में चार डायरिया पीड़ित मरीज भर्ती किये गये हैं. सोमवार को सदर अस्पताल में भर्ती डायरिया पीड़ित मरीजों की स्थिति सामान्य बतायी गई है. गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही डायरिया पीड़ित की संख्या बढ़ने लगी है. साथ ही काफी संख्या में बुखार के भी मरीज सीएचसी व पीएचसी पहुंच रहे हैं. प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों के पहुंचने की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है.

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बीमारियों का भी खतरा बढ़ा

सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने डायरिया पीड़ित की विशेष देखभाल के निर्देश दिये हैं. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एनके चौधरी ने कहा कि गर्मी में मांस-मछली और अधिक मसालेदार खाने से डायरिया के साथ पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. डायरिया से बचाव के लिए खाने की जगह अधिक-से-अधिक तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए. उन्होंने रोजाना नींबू-पानी, ओआरएस का घोल, ताजा फलों का जूस आदि के सेवन की सलाह दी है.

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