छपरा सदर अस्पताल में पहुंचे कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मरीज
एक को एहतियात के तौर पर पीएमसीएच किया गया रेफर, दूसरे संदिग्ध में नहीं दिखे कोई भी लक्षण
छपरा. बुधवार को सदर अस्पताल में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मरीज इलाज के लिए आये. इसके बाद सिविल सर्जन डॉ माधेश्वर झा व चिकित्सकों की टीम ने प्रारंभिक स्तर पर जांच के बाद दोनों में से एक को पीएमसीएच रेफर कर दिया. संदिग्ध मरीजों में एक मशरक थाना क्षेत्र के गंगोली गांव निवासी चंदेश्वर महतो का पुत्र संतोष कुमार महतो बताया जाता है. जबकि दूसरा बहरौली गांव निवासी सहादत हुसैन का पुत्र गुलाब हुसैन है. इस संबंध में सिविल सर्जन ने बताया कि संतोष कुमार केरल में टाइल्स मिस्त्री का काम करता है.
बुधवार को ही अपने गांव गया था. उसमें प्रारंभिक जांच में बाद कोई लक्षण नहीं पाये गये. इसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. वहीं दूसरा संदिग्ध गुलाम हुसैन दिल्ली के गाजियाबाद में पेंटर का काम करता है. वह मंगलवार को अपने गांव लौटा था. सदर अस्पताल में जांच के बाद उसे पीएमसीएच रेफर किया गया. जानकारी के अनुसार संतोष कुमार की जांच पूर्व में केरल में भी हुई थी. जांच के बाद उसमें कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई थी. गांव आने के बाद बीमार होने पर गांव वालों ने दोनों को स्थानीय पीएससी में इलाज के लिए भर्ती कराया. जहां चिकित्सकों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों को भी देना होगा योगदान
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकारी अस्पतालों के साथ अब निजी अस्पतालों को भी कुछ अनिवार्य सहयोग प्रदान करने होंगे. जिसमें सभी अस्पतालों (सरकारी व निजी) में फ्लू कॉर्नर स्थापित करने अनिवार्य होंगे, जिसमें कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच करना भी अनिवार्य होगा. साथ ही अब सभी अस्पतालों (सरकारी व निजी) को कोरोना वायरस के संदिग्ध व संक्रमित मरीजों की पूरी रिकॉर्ड भी रखनी होगी. यदि मरीज विदेश या ऐसे क्षेत्र से आये हों जहां कोरोना वायरस केस की आधिकारिक पुष्टि हुई हो, तब ऐसे मरीजों का संपूर्ण विवरण अस्पतालों को रखना होगा. साथ ही मरीज के द्वारा किसी संदिग्ध मरीज के संपर्क में आने की स्थिति में भी उसकी पूरी जानकारी सभी अस्पतालों को रखनी होगी. मरीज के द्वारा किसी संदिग्ध मरीज के संपर्क में आने की स्थिति में भी उसकी पूरी जानकारी सभी अस्पतालों को रखनी होगी.