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उद्धव ठाकरे की सामना ने दी नीतीश कुमार को नसीहत, सार्वजनिक तौर पर ऐसे बोलियेगा तो खुश हो जायेगी भाजपा

शिवसेना ने नीतीश से कहा है कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे बोलियेगा तो भाजपा खुश हो जायेगी. इससे पहले बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने भी कहा था कि नीतीश कुमार चाह रहे हैं कि एक-दो दिन में ही नरेंद्र मोदी को कुर्सी से हटा दिया जाये.

पटना. पटना में खुले मंच से कांग्रेस के खिलाफ बोलनेवाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की पार्टी ने नसीहत दी है. शिवसेना ने नीतीश से कहा है कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे बोलियेगा तो भाजपा खुश हो जायेगी. इससे पहले बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने भी कहा था कि नीतीश कुमार चाह रहे हैं कि एक-दो दिन में ही नरेंद्र मोदी को कुर्सी से हटा दिया जाये. नीतीश कुमार ने 2 नवंबर को पटना में सीपीआई की रैली के दौरान कहा था कि कांग्रेस के कारण विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया का काम रूक गया है. कांग्रेस देश भर में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को मजबूत करने के बदले विधानसभा चुनाव में लगी है. नीतीश ने कहा था कि कांग्रेस को जो मन है वो करे. इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी नीतीश कुमार से बात की थी. अब शिवसेना की तरफ से यह बयान आया है.

कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव जीतना बेहद जरूरी

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने आज इस मसले को लेकर नीतीश कुमार को नसीहत दी है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में ये बातें कहीं गई हैं. सामना में कहा गया है कि इंडिया गठबंधन केंद्र में काबिज तानाशाह शासन को खत्म करने के लिए बनाया गया है, लेकिन राज्यों में राजनीति अलग होती है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि इस महीने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव अगले साल के लोकसभा चुनावों का फुल ड्रेस रिहर्सल हैं. सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि जिन पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव हो रहे हैं, वहां कांग्रेस एक प्रमुख दल है. कांग्रेस के लिए सत्ता के दुरुपयोग और धन के अहंकार को खत्म करने के वास्ते विधानसभा चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है. ये इंडिया गठबंधन के लिए अहम साबित होगा.

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भाजपा को हटाना विपक्षी गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य

सामना में लिखा गया है कि 28 विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार को अपनी चिंता सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे भारतीय जनता पार्टी को ही खुशी होगी. सामना के संपादकीय में कहा गया है कि विपक्षी पार्टियों का गठबंधन केंद्र से भाजपा सरकार को हटाने के लिए बनाया गया है और सभी इस पर सहमत हैं, लेकिन राज्यों की राजनीति अलग होती है और बड़े राजनीतिक दलों को उसके अनुसार फैसले लेने पड़ते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार जैसे अनुभवी राजनेता को धैर्य दिखाना चाहिए और गठबंधन की नीतियों को लेकर आगे होनेवाली बैठकों की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.

क्या बोले थे नीतीश कुमार

सीएम नीतीश कुमार ने गुरुगुवार को पटना में वाम दल सीपीआई की बीजेपी हटाओ देश बचाओ रैली में विपक्षी दलों के गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा कि वे लोग कांग्रेस को गठबंधन में आगे बढ़ा रहे थे, मगर राहुल गांधी की पार्टी को अभी पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों से फुर्सत नहीं है. सीएम नीतीश ने कहा कि अभी कांग्रेस के नेता राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं. ऐसे में उन्हें गठबंधन के लिए समय नहीं मिल पा रहा है. अब विधानसभा चुनाव पूरे होने के बाद ही इस पर बात होगी. सीएम नीतीश कुमार के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गई थी.

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