UGC: किसी के कागजात को खा गये दीमक, तो किसी को नहीं मिल रहा पुराना बिल, आधे कागज के साफ पहुंचे कॉलेज

पटना विश्वविद्यालय में कोलकाता से यूजीसी की टीम ने मंगलवार से राज्य के 325 कॉलेजों से 11वीं व 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत दी गयी अनुदान राशि का हिसाब लेना शुरू किया. पहले दिन 50 कॉलेजों के करीब 12 करोड़ रुपये का सेटलमेंट हुआ. तीन करोड़ का हिसाब कॉलेज नहीं दे पाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2022 7:23 AM

पटना विश्वविद्यालय में कोलकाता से यूजीसी की टीम ने मंगलवार से राज्य के 325 कॉलेजों से 11वीं व 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत दी गयी अनुदान राशि का हिसाब लेना शुरू किया. सुबह से ही कॉलेजों के प्रतिनिधि यहां हिसाब किताब देने के लिए जुटे थे. कॉलेज प्रतिनिधियों ने जब अपना हिसाब देना शुरू किया, तो किसी ने बताया कि डॉक्यूमेंट्स इतने पुराने हैं कि उन्हें दीमक खा गये. हालांकि उनके रेफरेंस में उन्होंने कुछ दूसरे डॉक्यूमेंट्स को रखा, तो यूजीसी ने उसे मान लिया. तो दूसरी तरफ कुछ कॉलेजों ने कहा कि पुराना जो खर्च हुआ है, उसका बिल ही नहीं मिल रहा है. कुछ ऐसे थे, जिन्होंने राशि पहले ही यूजीसी को लौटा दी थी, लेकिन अलग-अलग मद में राशि लेकर एक साथ ही लौटा दी. इस वजह से उनका सेटलमेंट पेंडिंग दिखा रहा है.

50 कॉलेजों का हिसाब लिया

मंगलवार को इस्टर्न रीजन कार्यालय कोलकाता से डिप्टी डायरेक्टर अमोल अंधारे अपनी टीम से साथ स्वयं यहां पहुंचे हैं और मंगलवार बिहार यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर के 50 कॉलेजों से हिसाब-किताब लिया. विकास पदाधिकारी प्रो परिमल खान ने बताया कि पहले दिन 50 में 47 कॉलेज यहां पहुंचे थे. अमोल अंधारे ने बताया कि करीब 90 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब, जो यूजीसी को नहीं मिल सका है, 28 अगस्त तक उसका सेट्लमेंट यहां रहकर किया जायेगा. जो कॉलेज हिसाब देंगे, उन्हें ऑनस्पॉट सेटलमेंट लेटर जारी किया जायेगा. कुल 33 सेटलमेंट लेटर वे लेकर भी आये हैं, वितरण के लिए. जबकि कुछ को यहीं पर भी ऑनलाइन सेट्लमेंट कर लेटर जारी किया जायेगा. लेकिन जो हिसाब नहीं देंगे, उन्हें सूद समेत राशि वापस करनी होगी. इसके अतिरिक्त टीम अपनी, जो रिपोर्ट यूजीसी को सौंपेगी, उसके आधार पर अन्य कार्रवाई भी कॉलेजों के ऊपर यूजीसी कर सकता है. बुधवार को पटना विश्वविद्यालय और वीर कुंवर सिंह विवि का सेटलमेंट किया जाना है.

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