मोतिहारी में बेकाबू ट्रक ने मां, बेटा व पतोहू को रौंदा, तीनों की मौत

गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे की है. मृतकों में गोबरी गांव के शेख अकलू का पुत्र लड्डू आलम (30), उसकी पत्नी आसमा खातून (60), पतोहू सहीबुन खातून (26) शामिल हैं. घटना के बाद चालक ट्रक छोड़ फरार हो गया. ट्रक पर बालू लदा हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2023 8:17 PM

मोतिहारी. बंजरिया थाने के चैलाहा-भोला चौक के बीच सरेह में बेकाबू ट्रक ने बाइक सवार मां, बेटा व पतोहू को रौंद दिया. तीनों की मौत घटना स्थल पर हो गयी. घटना गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे की है. मृतकों में गोबरी गांव के शेख अकलू का पुत्र लड्डू आलम (30), उसकी पत्नी आसमा खातून (60), पतोहू सहीबुन खातून (26) शामिल हैं. घटना के बाद चालक ट्रक छोड़ फरार हो गया. ट्रक पर बालू लदा हुआ है.

सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गये

लड्डु की पत्नी गर्भवती थी. उसे डॉक्टर से दिखाने के लिए अपनी मां के साथ बाइक से शहर आ रहा था. इस बीच, बेकाबू ट्रक ने तीनों को कुचल दिया. इससे घटनास्थल पर ही तीनों की मौत हो गयी. घटना के बाद सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गये. चालक को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया. सूचना पर पुलिस भी दलबल के साथ पहुंची. शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लेकर आयी.

ट्रक को जब्त कर लिया गया

सदर अस्पताल में भी सैकड़ों ग्रामीण पहुंच गये. एक साथ परिवार के तीन लोगों की मौत से ग्रामीण बहुत मर्माहत थे. लड्डू उत्तर प्रदेश में काम करता था. बकरीद में 15 जून को उन्नाव से गोबरी आया था. थानाध्यक्ष प्रभाकर कुमार पाठक ने बताया कि ट्रक को जब्त कर लिया गया है. रजिस्ट्रेशन नंबर से ट्रक मालिक की पहचान की जा रही है. आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.

डेढ़ साल पहले हुई थी गुड्डू की शादी

परिजनों ने बताया कि डेढ़ साल पहले गुड्डू की शादी हुई थी. चार भाइयों में गुड्डू तीसरे नंबर पर था. पिता व मां उसके साथ रहते थे. बड़े भाई अब्बु लैश, लालबाबू व शेर मोहम्मद अलग-अलग रहते हैं. घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

गुड्डू की ससुराल सिसवा में परसा मातम

गुड्डू की शादी बंजरिया थाने के सिसवा गांव में हुई थी. दामाद व बेटी की मौत की खबर सिसवा गांव पहुंची, तो कोहराम मच गया. पूरे गांव में मामती सन्नाटा पसर गया. सहीबुन के पिता व मां सहित पूरा परिवार सदर अस्पताल पहुंचा. तीनों शवों को देख सभी दहाड़ मार रोने लगे. गांव से आये लोग उन्हें ढांढस बंधाने में लगे थे.

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