पटना. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई दो बार जांच कर साक्ष्य नहीं जुटा पायी, तीसरी बार भी खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत ही साबित होगी. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बच्चों के घर 15 घंटे से ज्यादा चली ईडी की छापेमारी पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि ‘ये अघोषित आपातकाल है. जांच एजेंसी के व्यवहार पर नाराजगी प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला और छोटे-छोटे बच्चों के साथ इस तरह का निर्मम आचरण देश में पहली बार हुआ है. देश इसको याद रखेगा. उन्होंने कहा कि दमन चाहे जितना कर लें, 2024 में देश भाजपा मुक्त होगा.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोशल साइट पर लिखा है कि बिहार में भाजपा के सरकार से बाहर जाते ही जांच एजेंसियों को अचानक दिव्यशक्ति से लालू परिवार के पास साक्ष्य दिखने लगे. लालू प्रसाद एवं उनके परिजनों के यहां पहले भी कई बार छापेमारी हुई. उसमें अब तक क्या मिला. खोदा पहाड़ निकली चुहिया. ललन सिंह कहते हैं कि साक्ष्य नहीं भी मिला तो साक्ष्य दिखाने के लिए पालतू तोतें कुछ भी कर सकते हैं. गाय का सींग भैंस में और भैंस का सींग गाय में जोड़ रहे हैं. ललन सिंह ने चैनलों पर चल रही खबरों पर तंज करते हुए कहा कि अखबार कहता है कि एके इंफोसिस्टम के कारण छापा डाला गया है, जिसका नौकरी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन खैर पालतू तोते अपने मालिक का निर्देश पाकर कुछ भी कर सकते हैं.
इधर, लालू यादव और उनके परिवार पर ईडी और सीबीआई का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. बीते शुक्रवार को ईडी ने जमीन के बदले नौकरी मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तीन बेटियों समेत रिश्तेदारों और पार्टी के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर छापेमारी की थी. अब तेजस्वी यादव को भी इसी मामले में समन भेजा गया है. तेजस्वी यादव का नाम इस मामले में पहले कभी नहीं आया था. लगातार रहो रही ईडी और सीबीआई की इस छापेमारी से महागठबंधन के तमाम दल भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं भाजपा भी इन आरोपों पर अपने-अपने अंदाज में जवाब दे रही है.