पटना : सरकार मनरेगा मजदूरों पर मेहरबान है. मजदूरों के लिए निर्धारित काम के निर्धारित मानकों में संशोधन कर दिया गया है. अब रोजाना एक घंटा काम कम करना होगा. मिट्टी कटाई- गड्डा खुदाई के काम में भी बड़ी राहत दी है. पुरुष मजदूरों को अब एक दिन में 15 तो महिला मजदूरों को 11 घनफुट मिट्टी कम खोदनी होगी. मिट्टी कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
मनरेगा में श्रम-समय-गति संबंधी अध्ययन के लिए गठित समिति की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है. मनरेगा में लिया जाने वाला काम करने पर मंत्रीपरिषद ने भी सहमति दे दी है. मनरेगा में वर्ष 2007 में निर्धारित किया गया था कि एक दिन में एक मजदूर को कौन- सा काम कितना करना होगा. कितने काम पर कितनी मजदूरी दी जायेगी. ग्रामीण विकास विभाग को लगातार सूचित किया जा रहा था कि मिट्टी की कटाई का काम अकुशल मजदूर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इससे उनको न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है.
मनरेगा मजदूर के लिए मिट्टी कार्य में उत्पादकता मानक निर्धारित करने को एक समिति बनायी गयी थी. समिति ने अकुशल मजदूरों के लिए मिट्टी कटाई के साथ-साथ विभिन्न लीड के लिए निर्धारित दरों में संशोधन का सुझाव दिया था. ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य विभाग के मंत्री श्रवण कुमार बताते हैं कि अब मिट्टी कार्यों से संबंधित कार्य अवधि को प्रतिदिन आठ घंटे के स्थान पर सात घंटे किया जायेगा. अधिकतम मिट्टी की मात्रा 100 घनफुट निर्धारित कर एक मानव दिवस के बराबर मानकर एक मजदूर के लिए निर्धारित मजदूरी देने की कार्रवाई की जा रही है.
मुलायम मिट्टी कार्य में लगे मजदूर को पहले 50 फुट दूरी तक के लिए पुरुषों को 80 एवं महिलाओं को 68 घनफुट मिट्टी कटाई कर लिफ्ट करनी होती थी. नये संशोधन के बाद पुरुषों को 65 एवं महिलाओं को 57 घनफुट मिट्टी कटाई कर लिफ्ट करनी होगी. इसकी तरह 50 फुट से 100 फुट के लिए पहले पुरुषों एवं महिलाओं के लिए निर्धारित 73 एवं 62 घनफुट के स्थान पर क्रमशः 60 एवं 52 घनफुट मिट्टी की कटाई एवं लिफ्टिंग की जायेगी .
posted by ashish jha