Loading election data...

केंद्र सरकार की स्क्रैप पॉलिसी के तहत बिहार में करीब डेढ़ लाख गाड़ियां होंगी सड़क से बाहर, फिटनेस जांच के लिए बिहटा में खुलेगा केंद्र

राज्य को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार इलेक्ट्रिक, बैट्री व सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है. सरकार व्यावसायिक वाहनों में अनुदान भी दे रही है, ताकि लोग पुरानी गाड़ियों को सीएनजी में कन्वर्ट कर लें.

By Prabhat Khabar News Desk | April 8, 2021 8:18 AM

पटना . राज्य को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार इलेक्ट्रिक, बैट्री व सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है. सरकार व्यावसायिक वाहनों में अनुदान भी दे रही है, ताकि लोग पुरानी गाड़ियों को सीएनजी में कन्वर्ट कर लें.

वहीं, विभाग सड़क से पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए बिहटा में निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण केंद्र खोलेगा. इस केंद्र के माध्यम से ही पुरानी गाड़ियों को सर्टिफिकेट दिया जायेगा कि वह सड़कों पर चलने के योग्य है या नहीं. बिना इसके सर्टिफिकेट लिए कोई सड़क पर गाड़ी नहीं चला पायेगा.

केंद्र के खोलने में 19 करोड़ 65 लाख खर्च होंगे

राज्य में बढ़ते वाहनों की संख्या और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है, ताकि गाड़ियां फिट रहें. कोई भी व्यावसायिक या निजी गाड़ियों को कहीं से फिटनेस या अन्य कागजात बनाकर सड़क पर धड़ल्ले से नहीं चला सकें .

बिहटा में खुलने वाले निरीक्षण व प्रमाणीकरण सेंटर को केंद्र सरकार भी सहायता करेगी. सेंटर खोलने में 19 करोड़ 65 लाख खर्च होंगे, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से अनुदान के रूप में बिहार को साढ़े 16 करोड़ मिलेंगे.

आसपास के जिलों में होगी प्रदूषण जांच

इस केंद्र से पटना व इसके आसपास वाले जिलों में चलने वाले व्यावसायिक वाहनों की जांच की जायेगी. चूंकि पटना अभी प्रदूषण के लिहाज से भी खतरनाक श्रेणी में है. इसलिए पटना जिले में इस केंद्र के खोलने से पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाने में सुविधा होगी.

मानक पर खरे उतरने वाले वाहनों को मिलेगा प्रमाणपत्र

व्यावसायिक वाहनों के फिटनेस के लिए निर्धारित मानक के अनुसार पाये जाने वाली गाड़ियों को ही निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण केंद्र प्रमाणपत्र जारी करेगा. इस सेंटर के निर्माण के लिए पुणे की एजेंसी सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट का चयन किया गया है. इसके माध्यम से इस सेंटर को बनाया जायेगा, जो अत्याधुनिक सभी सुविधाओं से लैस होगा. वर्तमान में राज्य में फिटनेस देने के लिए सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में एमवीआइ तय करते हैं कि गाड़ी को फिटनेस देना है या नहीं.

सड़क से बाहर हो जायेंगी डेढ़लाख गाड़ियां

स्क्रैप पॉलिसी के तहत बिहार में लगभग डेढ़ लाख गाड़ियां ऐसी होंगी, जो सड़क से बाहर हो जायेंगी. इसका पूरा आकलन विभाग कर रहा है, ताकि 15-20 साल पुरानी गाड़ियों का पूरा ब्योरा परिवहन विभाग के पास मौजूद रहे. मैनुअल तरीके से पुरानी गाड़ियों के प्रदूषण जांच में हेर-फेर किया जाता था व इस पॉलिसी के आने के बाद बंद हो जायेगा.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version