झारखंड की गरीब व मेधावी बेटियों को विनी सन स्कॉलरशिप दिलायेगा देश के टॉप मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला
पीयूष ने अपनी प्रतिभा के दम पर यह इंटरनेशनल स्कॉलरशिप हासिल की. उन्होंने ब्रिटेन और चीन के छात्रों के साथ मिलकर एक ऐप (App) डिजाइन करके यह इंटरनेशनल स्कॉलरशिप हासिल की.
रांची: गिरिडीह के पियूष भारद्वाज बीआईटी दुर्ग में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं. फर्स्ट ईयर की परीक्षा कम्प्लीट करके वह सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. पीयूष के पिता मुश्किल से साल में एक लाख रुपये कमा पाते होंगे. ऐसे में अपने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना भी वह नहीं देख सकते थे. लेकिन, हरियाणा में काम करने वाली एक संस्था की मदद से पीयूष को स्कॉलरशिप मिली और छत्तीसगढ़ के दुर्ग में इंजीनियरिंग कॉलेज में उनका दाखिला हो गया.
पीयूष ने अपनी प्रतिभा के दम पर यह इंटरनेशनल स्कॉलरशिप हासिल की. उन्होंने ब्रिटेन और चीन के छात्रों के साथ मिलकर एक ऐप (App) डिजाइन करके यह इंटरनेशनल स्कॉलरशिप हासिल की. बिहार के भोजपुर की श्रुति, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की कविता, महाराष्ट्र के मुंबई स्थित कांदिवली की लावण्या, भोजपुर के अपूर्व, झारखंड की राजधानी रांची की अंजुम के अलावा और भी कई बच्चे हैं, जिन्हें लोटस पेटल ने इंटरनेशनल स्कॉलरशिप के जरिये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद की है.
लोटस पेटल फाउंडेशन (Lotus Petal Foundation) अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के जरिये झारखंड, बिहार के मेधावी बच्चों को, जो मेडिकल (नर्सिंग/फार्मेसी) और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं, को स्कॉलरशिप दिलाने में मदद करती है. विनी सन स्कॉलरशिप प्रोग्राम (Winnie Sun scholarship Programme) उन बेटियों के लिए है, जो मेधावी तो हैं, लेकिन पैसे के अभाव में हायर एजुकेशन नहीं ले पातीं या उसे जारी नहीं रख पातीं.
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स्कॉलरशिप की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है. इसके लिए आपको लोटस पेटल की वेबसाइट पर सभी वैध दस्तावेज के साथ अप्लाई करना होता है. आवेदन करने वाले सभी विद्यार्थियों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अलग-अलग बैच में इंटरव्यू लिया जाता है. इंटरव्यू के बाद लोटस पेटल और मल्टीनेशनल कंपनियों के वरीय पदाधिकारियों का संयुक्त पैनल विद्यार्थियों का चयन करता है.
लोटस पेटल के संस्थापक कुशल चक्रवर्ती (Kushal Chakravorty) ने प्रभात खबर (prbhatkhabar.com) को बताया कि इस वर्ष देश भर से 138 आवेदन आये हैं. 8 राज्यों (हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना) के 25 स्कॉलर का चयन किया गया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 और 2020 में बिहार की 4, झारखंड की 2, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की एक-एक बेटियों का विनी सन स्कॉलरशिप प्रोग्राम की मदद से देश के अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला हुआ.
विनी सन स्कॉलरशिप कार्यक्रम के जरिये बच्चों को हर साल 68 हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है. वहीं, गिरिडीह के छात्र पीयूष भारद्वाज को साल में 90 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिल रही है. वर्ष 2021 से 2024 तक पीयूष को 2.70 लाख (2 लाख 70 हजार) रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी.
बिहार की चार बेटियों को मिला स्कॉलरशिप
भोजपुर की श्रुति कर्नाटक के एनआईटी सुरतकल में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है. भोजपुर की ही अपूर्वा ने कर्नाटक के सुरतकल स्थित एनआईटी में केमिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया है. पटना की प्रिया कुमारी बीआईटी मेसरा, पटना में इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रही हैं. पटना की ही सुरुचि बीआईटी मेसरा पटना में इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स की शिक्षा ले रही हैं.
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छात्रवृत्ति से इंजीनियर बन रहीं झारखंड की दो बेटियां
रांची की अंजुम बीआईटी रांची से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही हैं. रांची की ही क्यू आनंद ने बीआईटी मेसरा रांची में बायोटेक्नोलॉजी में दाखिला लिया है. इनके अलावा उत्तर प्रदेश के लखनऊ की कविता इस वक्त उत्तर प्रदेश के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा मे इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रही हैं. मुंबई के कांदिवली की रहने वाली लावण्या उषा मित्तल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुंबई में कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही हैं.
झारखंड में विद्या सहयोग कार्यक्रम
लाने की तैयारी
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि लोटस पेटल फाउंडेशन इस वक्त हरियाणा में विद्या सहयोग कार्यक्रम चला रहा है. मेधावी छात्राओं के लिए शुरू किये गये स्कॉलरशिप कार्यक्रम की घोषणा 20 दिसंबर के बाद की जायेगी. देश के किसी भी हिस्से से मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की इच्छुक कोई भी छात्रा इसके लिए आवेदन कर सकती है. कुशल चक्रवर्ती विद्या सहयोग कार्यक्रम को झारखंड में भी लांच करना चाहते हैं.
Posted By: Mithilesh Jha