Union Budget 2023 से बिहार की सकल घरेलू उत्पाद को टॉनिक मिलने की उम्मीाद है. आर्थिक सर्वेक्षण- 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी. जबकि इस दौरान देश की विकास दर में 7.25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी . हालांकि वित्तीय वर्ष 2019-20 से इसकी तुलना करें, तो इसमें गिरावट दर्ज की गयी है और यह 7.40 प्रतिशत से घटकर 2.50 प्रतिशत पर आ गया. राज्य के 16वें आर्थिक सर्वेक्षण में 2016-17 से 2020-21 के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 2.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि की गयी. ऐसे में आमलोगों की नजर अब इस बार के केंद्रीय बजट पर टिकी है.
इनकम टैक्स स्लैब में हो बदलाव
राज्य सरकार के सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में प्रति व्यक्ति आय केवल 50,555 रुपये है. जबकि देश में प्रति व्यक्ति आय 86,659 रुपये है. हालांकि, बिहार में बड़ा वर्ग वेतनभोगी तबका है. ऐसे में लोगों की मांग है कि उनके आयकर सीमा का विस्तार किया जाए. आयकर की सीमा को कम से कम पांच लाख किया जाना चाहिए. इसके साथ ही, समझा जा रहा है कि सरकार कई तरीकों से आमलोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन में राहत देने के लिए इनकम टैक्स की धारा 16(iA) में थोड़ा बदलाव करने पर विचार कर सकती है.
निवेश पर छूट दे सकती है सरकार
बिहार के लोगों को विश्वास बचत और निवेश में रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि अगर कर में छूट मिलती है तो इसके साथ ही, निवेश में भी छूठ मिलनी चाहिए. माना जा रहा है कि वित्त मंत्री आमलोगों को बड़ा सौगात देते हुए 80सी के सीमा में बड़ा बदलाव कर सकती हैं. साथ ही, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए भुगतान पर भी विचार किया जा रहा है. साथ ही, कैपिटल गेन टैक्स पर भी राहत दे सकती है. अगर ये दो टैक्स में छूट मिलती है तो वेतनभोगी तबके के लोगों की रीढ़ सीधी हो सकती है.