Union Budget 2023 को लेकर बिहार के उद्योग में काफी उत्साह था. मगर निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद से काफी निराशा है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (BIA) के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार का ये बजट आने वाले सालों में देश की तरक्की कर सकता है. मगर बिहार के उद्योग और व्यापार जगत को निराश करना वाला है. इसमें बिहार के लिए कुछ भी खास नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हमारी प्राइमरी मांग थी कि बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा मिले. मगर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. इसके साथ ही, राज्य के उद्योग में बैक बोन का काम कर रही MSME उद्योग और लघु उद्योग के लिए भी कुछ भी खास नहीं है.
पॉलिसी में सुधार की थी जरूरत
BIA के प्रेसिडेंट अरुण अग्रवाल ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा उद्योग खड़ा करने के लिए इंडस्ट्रीयल एरिया में जमीन उपलब्ध करा रही है. मगर केंद्र सरकार को भी पॉलिसी में कुछ सुधार करने की जरूरत थी. साथ ही, आय पर लगने वाले सेस को 30 प्रतिशत से घटाकर कर आधा किया जाए. बिहार की प्रति व्यक्ति आय 48 हजार रुपये है. जबकि देश में औसत प्रति व्यक्ति आय 1.5 लाख है. ऐसे में आर्थिक स्थिति को समझा जा सकता है. मगर सरकार ने इसका भी ध्यान बिल्कुल नहीं रखा. अरुण अग्रवाल ने कहा कि हमारी मांग थी कि बिहार के उद्योगपतियों को 50 हजार करोड़ ऋण का प्रावधान होना चाहिए. इसके साथ ही, राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण एमएसएमई क्षेत्र के उद्योग पर लगने वाले सेस आयकर को घटाकर आधा की जाए.