बजट 2023: आयकर की सीमा में छूट और जीएसटी में सुधार की जरूरत, आमलोगों ने बतायी अपनी जरूरत

बजट 2023: आगामी एक फरवरी को देश का आम बजट 2023-24 पेश किया जायेगा. बजट को लेकर समाज के हर वर्ग को उम्मीद रहती है कि इस बार सरकार कैसा बजट पेश कर रही है. बजट उनके हितों की रक्षा करने वाला हो. खास कर, व्यापारी/व्यवसायी कर में राहत और छूट की उम्मीद लगाये बैठे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2023 10:12 AM
an image

आगामी एक फरवरी को देश का आम बजट 2023-24 पेश किया जायेगा. बजट को लेकर समाज के हर वर्ग को उम्मीद रहती है कि इस बार सरकार कैसा बजट पेश कर रही है. बजट उनके हितों की रक्षा करने वाला हो. खास कर, व्यापारी/व्यवसायी कर में राहत और छूट की उम्मीद लगाये बैठे हैं. सरकार से वे इस बजट में जीएसटी कानून में और सुधार की आस लगाये हैं. बजट से पहले शहर के व्यवसायियों ने अपनी-अपनी राय व्यक्त की है. प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी बजट से आम से लेकर खास लोगों को काफी उम्मीदें हैं. बजट की उम्मीदों को लेकर प्रभात खबर कार्यालय में सोमवार को आयोजित गोष्ठी में लोगों ने अपनी बातें रखीं. लोगों ने कहा कि सरकार को बजट पेश करने से पहले गत वर्ष पेश हुए बजट की समीक्षा करनी चाहिए, क्योकि, सरकार तो आम बजट में वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश कर देती है. लेकिन, पूर्व के बजट में क्या हुआ, इसका जिक्र नहीं किया जाता है. केंद्र सरकार को पूर्व के बजट की समीक्षा कर बजट को पेश करना चाहिए.

बजट पर लोगों की राय

विभिन्न सेवाओं में कार्यरत व सेवानिवृत्त मामले में सरकार को कुछ और वृद्धि करने की जरूरत है. रोहतास जिले में कोई बड़ा उद्योग नहीं है, जिससे लोगों को रोजगार का अवसर मिले. ऐसे में डालमियानगर रेल कारखाने की इस बजट में उम्मीद है.

वीरेंद्र कुमार सिंह, सेवानिवृत्त प्रबंधक, डीसीबी बैंक सासाराम.

पांच लाख रुपये तक की आय वालों को टैक्स नहीं देना पड़ता. लेकिन, सरकार को टैक्स स्लैब में संशोधन कर इसकी सीमा आठ लाख रुपये करनी चाहिए. इसके साथ ही व्यवसायियों के आर्थिक बीमा पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

जय प्रकाश सोनी, कैशियर, चैंबर ऑफ कॉमर्स.

आम बजट में जीएसटी के रिवाइज्ड रिटर्न भरने की सुविधा व्यापारियों को मिले. जीएसटी को राज्य कर में समायोजन की व्यवस्था हो,ताकि व्यापारी लोगों को टैक्स देने में सहूलियत हो. जीएसटी में और लचीलापन लाने की जरूरत है.

अमित चौरसीया, व्यवसायी.

टैक्स देना आम नागरिकों के साथ व्यवसायियों की नैतिक जिम्मेदारी है. पर, सरकार को भी व्यवसायियों के लिए काम करना चाहिए. जीएसटी अपने आपमें अब तक भूलभुलैया बना हुआ है. अब तो सरकार को एक जीएसटी पर काम करना चाहिए.

अभिषेक तिवारी, टैक्स एक्सपर्ट

रसोई गैस एक हजार के पार है, तो खाद्यान्न की कीमतें दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में नौकरी पेशा लोग ज्यादा परेशान हैं. वेतन वृद्धि महंगाई के हिसाब से नहीं हो रही है. इस विषय पर उम्मीद है, वित्त मंत्री कुछ जरूर कहेंगी.

विद्यासागर, राजद जिला प्रवक्ता

छोटे उद्योगों के लिए सरकार ने नि:संदेश बहुत काम किया है. पर, बैंक के रवैये के कारण छोटे स्टार्टअप बर्बाद भी हुए हैं. ऐसे में छोटे स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में कुछ विशेष प्रावधानों की जरूरत है.

फैजल खान, व्यवसायी

Exit mobile version