इस बार के बजट से बिहार के सबसे बड़े वेतनभोगी तबके के साथ व्यवसायियों को बहुत सारी अपेक्षाएं हैं. अधिकतर व्यवसायी चाहते हैं कि बजट में जीएसटी का सरलीकरण हो और इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ायी जाये. नौकरी-पेशा लोगों को भी इनकम टैक्स में राहत मिले. उनका कहना था कि सरकार मध्यम वर्गीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करे, ताकि लोगों का जीवन-यापन आसान हो. मौका था बजट पूर्व प्रभात खबर की ओर से चैंबर में आयोजित संवाद का. इस मौके पर ‘उम्मीदों के अनुसार हो बजट’ विषय पर लोगों ने खुल कर बातें रखीं. शिक्षा बजट में बढ़ोतरी के साथ आयुष्मान भारत के विस्तार की बातें भी आयीं. संवाद की अध्यक्षता चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष पवन बंका ने की. यहां व्यवसायियों के विचारों को रखा जा रहा है.
पेट्रोल और डीजल की कीमत पर हो नियंत्रण
चैंबर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री सज्जन शर्मा ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर नियंत्रण के उपाय इस बजट में होना चाहिए. वैट लगने के कारण विभिन्न राज्यों में इसकी कीमतों में काफी अंतर है. केंद्र सरकार को इस बजट में इसका ध्यान रखना चाहिए. जीएसटी के कई स्लैब है. इससे व्यवसायियों को काफी परेशानी होती है. बजट में सरकार को सभी उत्पादों पर एक जैसा जीएसटी लगाना चाहिए. इससे व्यापार आसान होगा और बाजार का ग्रोथ भी बढ़ेगा.
किचन सामग्री हर तरह के टैक्स से हो मुक्त
चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष पवन बंका ने कहा कि इनकम टैक्स में पांच लाख रुपये तक की आय पर छूट मिलनी चाहिए. वस्त्रों से जीएसटी हटाना चाहिए. किचन सामग्री हर तरह से टैक्स फ्री होना चाहिए. नौकरी-पेशा वालों के लिए इनकम टैक्स में विशेष छूट का प्रावधान हो. सीनियर सिटीजंस को स्वास्थ्य लाभ के लिए अन्य तरह की छूट की व्यवस्था की जाये. सरकार वन टाइम वन टैक्स की व्यवस्था लागू करे, इससे व्यवसायियों को सुविधा होगी.
इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव हो
इनकम टैक्स में छूट का पैमाना 2.5 लाख आज भी है. इसे बढ़ाना चाहिए. इसके अलावा 80सी में छूट में संशोधन की जरूरत है. मेडिक्लेम में कॉस्ट बढ़ गया, लेकिन छूट आज भी 50 हजार रुपये तक ही है, इसे भी बढ़ाना चाहिए. आयुष्मान भारत का लाभ देश के सभी लोगों को मिलना चाहिए. आर्थिक रूप से जो कमजोर हैं, उन्हें पूरी छूट मिले, लेकिन जो सक्षम हैं. उनको सरकार कुछ रियायत दे.
– आदित्य तुलस्यान, सीए
सोना पर घटाया जाये आयात शुल्क
केंद्र सरकार ने सोना के आयात शुल्क में वृद्धि की है. यह व्यवसायियों और ग्राहकों के हित में नहीं है. इससे सोना का भाव रोज बढ़ रहा है. खरीदारी में कमी आ रही है. इस बजट में केंद्र सरकार आयात शुल्क कम करे. इससे व्यापार बढ़ेगा और बाजार में रुपया भी आयेगा. सरकार को आम बजट में सर्राफा कारोबारियों की परेशानियों को ध्यान में रखना चाहिए.
– सुजीत चौधरी, सर्राफा व्यवसायी
जीएसटी का सरलीकरण किया जाये
जीएसटी बहुत जटिल पद्धित है. इसका सरलीकरण होना चाहिए. यदि किसी व्यापारी से भूलवश रिटर्न के डाटा में गलती हो जाती है, तो उसे दोषी मान लिया जाता है, जबकि ऐसा नहीं है. सरकार को जीएसटी को सरल बनाना चाहिए और व्यापारियों को एक मौका देना चाहिए, जिससे वे अपनी गलती सुधार सकें. आज जिस तरह इनकम टैक्स विभाग ने सरलीकरण किया है, जीएसटी भी वैसा हो
– चंद्रमोहन खन्ना चन्नी, इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी
नौकरी-पेशा वालों को मिले विशेष छूट
नौकरी-पेशा वाले लोगों की सैलरी से उनका इनकम टैक्स कट जाता है. वे गलत नहीं करते. उन्हें इस बार के बजट में आयकर छूट मिलनी चाहिए. जब नौकरी वाले लोगों को छूट मिलेगी, तो बाजार में उसका असर दिखेगा. बाजार अच्छा होगा, तो व्यापारियों का टर्नओवर भी बढ़ेगा और देश का ग्रोथ भी. सरकार को इस बार के बजट में नौकरी वाले लोगों पर फोकस करना चाहिए.
– गरीबनाथ बंका, कपड़ा व्यवसायी
जीएसटी से मुक्त हो सभी तरह के खाद्यान्न
खाद्यान्न जीवन का आधार है. इसे पूरी तरह टैक्स मुक्त किया जाये. इस पर जीएसटी लगाया जाना तर्कसंगत नहीं है. इससे आम लोगों के जीवन-यापन पर फर्क पड़ता है. केंद्र सरकार जीएसटी में संशोधन करे. इनकम टैक्स में छूट की सीमा भी पांच लाख रुपये सालाना आय तक बढ़ायी जानी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा था, वन नेशन वन टैक्स. ऐसी ही व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे लोगों का भला हो.
– दिलीप कुमार, अध्यक्ष, खाद्यान्न व्यवसायी संघ