Union Budget 2023 को लेकर बिहार के आमलोगों के साथ इंडस्ट्रीज में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. राज्य में एमएसएमई और स्माल स्केल इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों को जहां सस्ते दर पर कर्ज की उम्मीद है. वहीं, माल के ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा के विकास पर भी फोकस करने की उम्मीद कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (BIA) में बिहार को स्पेशल स्टेटस देने के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन को लेकर विशेष कोरिडोर बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि BIA के प्रेसिडेंट अरुण अग्रवाल ने राज्य के विकास के लिए स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिलना जरूरी है.
BIA के प्रेसिडेंट अरुण अग्रवाल ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा उद्योग खड़ा करने के लिए इंडस्ट्रीयल एरिया में जमीन उपलब्ध करा रही है. मगर केंद्र सरकार को भी पॉलिसी में कुछ सुधार करने की जरूरत है. बिहार की प्रति व्यक्ति आय 48 हजार रुपये है. जबकि देश में औसत प्रति व्यक्ति आय 1.5 लाख है. ऐसे में आर्थिक स्थिति को समझा जा सकता है. अरुण अग्रवाल ने मांग की कि बिहार के उद्योगपतियों को 50 हजार करोड़ ऋण का प्रावधान होना चाहिए. इसके साथ ही, राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण एमएसएमई क्षेत्र के उद्योग पर लगने वाले सेस आयकर को घटाकर आधा की जाए.
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की मांग है कि एमएसएमई को मिलने वाला इंश्योरेंस कवरेज की अधिकतम सीमा को दो करोड़ से बढ़ाकर 28 करोड़ रुपये की जाए. इसके साथ ही, उद्योमियों को सौर ऊर्जा प्रोत्साहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित भी किया जाए. अर्थ दंड में सूक्ष्म उद्योग के लिए 5 फीसदी,लघु उद्योग के लिए 10 फीसदी और मध्यम प्रक्षेत्र के लिए 25 फीसदी अधिकतम हो.
बिहार में व्यापारियों को अपना माल बेचने और लाने-ले जाने के लिए गुड्स डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाएं जाएं. गंगा पर बनने वाले ब्रिज के लिए बजट का एलॉटमेंट ज्यादा हो. नदी में जहाज फंसे नहीं इसके लिए गाद की खुदाई हो. सबसे जरूरी, पटना में एक इंटरनेशनल स्तर का एयरपोर्ट बने.