Union Budget: कोरोना के बाद बिहार में बढ़े आत्महत्या और मानसिक रोग के मामले, लोग मांग रहे मेंटल इंश्योरेंस
Union Budget 2023 में लोग स्वास्थ्य बीमा के साथ मानसिक स्वास्थ्य बीमा की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई योजना चला रही है. केंद्रीय मंत्री ने नोडल केंद्र के रूप में NIMHANS के साथ 23 टेली-मेंटल हेल्थ सेंटर शुरू करने की घोषणा की है.
Union Budget 2023 में लोग स्वास्थ्य बीमा के साथ मानसिक स्वास्थ्य बीमा की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई योजना चला रही है. केंद्रीय मंत्री ने नोडल केंद्र के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) के साथ 23 टेली-मेंटल हेल्थ सेंटर शुरू करने की घोषणा की है. ऐसे में ये समझा जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा इस बजट सत्र में मानसिक स्वास्थ्य बीमा और सस्ते इलाज पर मानसिक रोगों के इलाज की व्यवस्था की जाएगी. दवाओं के भी सस्ता करने पर विचार किया जा सकता है.
हेल्थ पर खर्च को GDP के 2.5 फीसदी तक है बढ़ाना
केंद्र सरकार के द्वारा 2025 तक स्वास्थ्य पर खर्च को देश के GDP के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था. पिछली बजट में 1.5 फीसदी तक पहुंच गया था. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि केंद्र सरकार के द्वारा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और नई क्षमताओं के निर्माण के लिए भी धन आवंटित किया जा सकता है. गौरतलब है कि राज्य सरकार के द्वारा कोरोना के बाद से स्वास्थ्य सेक्टर पर खर्च को काफी बढ़ा दिया गया है. इसमें आर एंड डी वर्क भी शामिल है.
हेल्थकेयर कवरेज का विस्तार
बजट में केंद्र सरकार के द्वारा बीमा में हेल्थकेयर कवरेज की सीमा का विस्तार करने की बात कही जा रही है. चिकित्सा और नर्सिंग कॉलेजों, उपकरण अनुसंधान और विनिर्माण सुविधाओं जैसी सुविधाओं में निवेश किया जा सकता है. केंद्र सरकार की पहली पहल स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढ़ाचे के विकास की होगी. इसके साथ ही, नई तकनीकी सुविधा को चिकित्सा में शामिल किये जाने पर भी विचार किया जा सकता है. गौरतलब है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पहले से मिशन 60 चलाया जा रहा है. इसके तहत राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बुनियादी रुप से दुरुस्त किया जा रहा है.