लोक आस्था और सूर्योपासना के पर्व छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित दिया. राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में गंगा तट से लेकर विभिन्न जलाशयों के किनारे लाखों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की.
छठ के रंग में रंगी राजधानी
छठ पर्व को लेकर हजारों व्रती गंगा के छठ घाट पहुंचे. आम से लेकर खास तक भक्ति में डूब गए. छठ को लेकर पूरा बिहार भक्तिमय हो गया है. गंगा घाट से लेकर विभिन्न नदियों के तटों, तालाबों और जलाशयों पर भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा. इस चार दिवसीय अनुष्ठान के अंतिम दिन शुक्रवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. इसी के साथ छठ पूजा का समापन हो जाएगा.
दिन भर गूंजा पारंपरिक गीत
छठ पर मोहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे. राजधानी पटना की सभी सड़कें दुल्हन की तरह सजी हैं. छठ पर्व को लेकर गंगा घाटों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है. राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई है.
खरना के साथ प्रारंभ हुआ 36 घंटे का निर्जला उपवास
बुधवार शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की आराधना की और खरना किया था. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया. पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी शुक्रवार को उगते सूर्य के अर्घ्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा. इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर ’पारण’ करेंगे.
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