BRABU: उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक सत्र 2023-27 में दाखिले की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी कॉलेजों में फैकल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर का आकलन शुरू कर दिया है. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों से कॉलेजों में आधारभूत संरचना, प्रयोगशाला और पुस्तकालय के बारे में जानकारी मांगी गयी है. इसके साथ ही नये स्थापित डिग्री कॉलेजों के बारे में भी संबंधित विश्वविद्यालयों से पूछा गया है. उच्च शिक्षा निदेशक प्रो रेखा कुमारी ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र भेजकर कॉलेजों में आधारभूत संरचना की जानकारी मांगी है, जिससे जरूरत के अनुसार प्रयोगशाला व पुस्तकालय को विकसित किया जा सके. कॉलेजों में स्मार्ट क्लास रूम व रिकॉर्डेड लेक्चर सुनने के लिए आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने को विश्वविद्यालयों से प्रतिवेदन भी मांगा गया है. इसके साथ ही यदि किसी कॉलेज में भवन क्षतिग्रस्त हो, तो फोटोग्राफ्स सहित उसकी जानकारी भी निदेशालय को भेजनी है. बता दें कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के साथ चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की शुरुआत इसी सत्र से होगी. इसके लिए यूजीसी ने फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है.
राज्य के विश्वविद्यालयों में एक साथ नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. साथ ही परीक्षा का शेड्यूल भी समान रहेगा. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में नये सत्र में नामांकन के लिए दो मई से पोर्टल खोलने की तैयारी थी, लेकिन नयी व्यवस्था के तहत राजभवन के आदेश पर रोक लगा दी गयी. पिछले दिनों राजभवन में हुई बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि सीबीसीएस के तहत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में सत्र 2023-24 से ही दाखिला लिया जायेगा. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश ले सकेंगे, लेकिन एक ही समय पर सभी विश्वविद्यालयों को संबंधित प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसके लिए राजभवन से टाइमलाइन तय किया जायेगा.
Also Read: Bihar Board: इंटर में नामांकन के लिए संस्थानों को मिलेगा नया यूजर आइडी व पासवर्ड, जानें कब शुरू होगा आवेदन
स्नातक कोर्स में इस बार कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. कोर्स का समय तीन से बढ़ाकर चार वर्ष किया जा रहा है. इसके साथ ही सीबीसीएस लागू हो रहा है. इसमें अंकों के बजाय ग्रेड मिलेगा. वहीं छात्रों को सबसे बड़ा लाभ होगा इसमें एंट्री-एग्जिट का प्रावधान लागू होने से. इसमें अध्ययन के अनुसार छात्रों को क्रेडिट व सर्टिफिकेट मिलेंगे. पहले दो सेमेस्टर यानी एक साल के कोर्स पर अंतर स्नातक सर्टिफिकेट मिलेगा. चार सेमेस्टर यानी दो साल पूरे करने पर यूजी डिप्लोमा, छह सेमेस्टर यानी तीन साल पूरे करने पर स्नातक और आठ सेमेस्टर यानी चार साल पूरे करने पर ऑनर्स स्नातक के साथ रिसर्च की उपाधि दी जायेगी. हालांकि पहले छह सेमेस्टर में 85 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले छात्रों को रिसर्च की उपाधि मिलेगी.