छात्रों के फीडबैक पर होगा अब बिहार में यूनिवर्सिटी शिक्षकों का प्रोमोशन, विशेष नियम तैयार
बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के तबादले के लिए विशेष नियम बनाया जा रहा है. यूजीसी की करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत यह कवायद राजभवन की तरफ से की जा रही है. इस नियम की विशेषता यह होगी कि विवि शिक्षकों के तबादले के लिए जरूरी अनिवार्यताओं में स्टूडेंट्स का फीडबैक अहम होगा.
पटना. बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के तबादले के लिए विशेष नियम बनाया जा रहा है. यूजीसी की करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत यह कवायद राजभवन की तरफ से की जा रही है. इस नियम की विशेषता यह होगी कि विवि शिक्षकों के तबादले के लिए जरूरी अनिवार्यताओं में स्टूडेंट्स का फीडबैक अहम होगा.
जानकारों का कहना है कि यह नियम लागू होने के बाद विद्यार्थियों का फीडबैक कॉलेज या विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन को लटका भी सकता है. राजभवन की तरफ से तीन कुलपतियों की कमेटी इस नियम की रूपरेखा तय रही है. इसके तहत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ा रहे हजारों शिक्षकों के प्रोमोशन तय करने के लिए स्पष्ट प्रावधान तय हो जायेंगे.
अब तक प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने अपने-अपने हिसाब से प्रोमोशन के नियम और प्रक्रिया तय कर रखी थी. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत बनाया जा रहा नियम यूजीसी के वर्ष 2010 और 2013 के रेग्युलेशन के आधार पर बनाया जायेगा. फिलहाल इस रेग्युलेशन के तहत नये सिरे से प्रोमोशन की नींव रखी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि इस नियम के निर्माण के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय और विभिन्न विश्वविद्यालयों के अभिमत के लिए भेजा जायेगा. इस पर अंतिम मुहर बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद लगायेगी.
उल्लेखनीय है कि बिहार के अधिकतर विश्वविद्यालयों में पुराने नियम चल रहे हैं. लिहाजा विश्वविद्यालयों ने अपनी- अपनी जरूरतों के हिसाब से नियमों में संशोधन व नये अध्यादेश प्रस्तावित किये हैं. कोई परीक्षा के नियमों में बदलाव चाहता है तो कई नये विषयों को पढ़ाने तो कुछ विश्वविद्यालय विभिन्न पाठ्यक्रमों में नये अध्याय जोड़ रहे हैं.
87 से नियमों की चल रही स्क्रीनिंग
प्रदेश के सभी िववि ने राजभवन के जरिये अपने-अपने ऑर्डिनेंस व नियमों में संशोधन के लिए आग्रह कर रखा है. इस दिशा में बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के विशेषज्ञ मंथन कर रहे हैं. स्क्रीनिंग कमेटी सक्रिय है. उम्मीद जतायी जा रही है कि अगस्त तक अधिकतर ऑर्डिनेंस को मंजूरी दी जा सकती है.
बिहार शिक्षा परियोजना के उपाध्यक्ष प्रो कामेश्वर झा और परिषद के सदस्य सचिव सह प्रोजेक्ट निदेशक असंगबा चुबा आओ संयुक्त रूप से इन सारे नियमों पर फाइनल टच देने की कवायद में लगे हैं.
Posted by Ashish Jha