पटना : कोरोना महामारी के मद्देनजर बीते दिनों देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच अपने रोजगार को छिनने और अन्य समस्याओं के मद्देनजर बड़े शहरों को छोड़कर बिहार लौटने को मजबूर 70 फीसदी मजदूरों ने अब अपना इरादा बदलने को मजबूर है. रोजगार और आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे ये मजदूर अब फिर से अपने कर्मस्थली लौटने का मन बनाते दिख रहे है.
मनी कांट्रोल.कॉम में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सर्वे के हवाले से बताया गया है कि बिहार समेत छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के करीब छह प्रतिशत मजदूर पहले चरण के लॉकडाउन के दौरान अपने प्रदेश लौट चुके थे, जबकि अंतिम चरण में आते आते करीब नब्बे प्रतिशत मजदूर अपने प्रदेश लौट चुके थे.
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान देशभर में करीब 1.04 करोड़ माइग्रेंट लेबर अपने होम स्टेट में लौट गये थे. इनमें करीब 75 फीसदी मजदूर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे.
सर्वे के मुताबिक, 32.36 प्रतिशत माइग्रेंट लेबर अब अपने प्रदेश को छोड़कर रोजगार के लिए बड़े शहर वापस नहीं जाना चाहते है. जबकि, 20.87 प्रतिशत वापस अपने कर्मस्थली लौटना चाहते है. इनमें से अधिकतर को अपने जीवन यापन के लिए आर्थिक समस्याओं का सामना करना पर रहा है.
Posted by Ashish Jha