पटना में एसएसबी की परीक्षा के दौरान पकड़ा गया यूपी का स्कॉलर, एक लाख रुपये में हुआ था सौदा!
पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि हिमांशु नौकरी लगाने वाले गिरोह से जुड़ा है और परीक्षा में बैठने के लिए उसने एक लाख रुपये लिये थे. सेटर गिरोह ने शिव प्रताप को परीक्षा में पास कराने के लिए 12 लाख तय किया था और तीन लाख रुपये ले भी चुका है.
पटना. 22 जून को एसएसबी की परीक्षा के दौरान पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया स्थित आइओएन डिजिटल जोन परीक्षा केंद्र से यूपी के स्कॉलर हिमांशु नयन को पकड़ लिया गया. हालांकि परीक्षार्थी शिव प्रताप सिंह फरार होने में सफल रहा. ये दोनों यूपी के बलिया के बछुड़ी तिलौली के रहने वाले हैं. हिमांशु अपने ही इलाके के परीक्षार्थी शिव प्रताप के बदले परीक्षा देने के लिए पहुंचा था. लेकिन, केंद्र पर जब उसके कागजात की जांच की गयी, तो फोटो का मिलान नहीं हो पाया. हिमांशु ने एडमिट कार्ड में स्कैन कर अपना फोटो लगा लिया था, जबकि एडमिट कार्ड पर परीक्षार्थी का फोटो था. साथ ही आवेदन प्रपत्र में भी परीक्षार्थी का ही फोटो था.
परीक्षार्थी फरार
सेंटर के प्रशासन ने पकड़ने के बाद उसे पाटलिपुत्र थाना पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद पुलिस ने हिमांशु की मदद से शिव प्रताप को भी पकड़ने की कोशिश की. लेकिन वह भाग निकला. पुलिस ने शुक्रवार को हिमांशु को जेल भेज दिया है. इस मामले में उसके साथ ही शिव प्रताप सिंह के खिलाफ में केंद्राधीक्षक राहुल कुमार चौरसिया के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
परीक्षा में बैठने के लिए लिये थे एक लाख रुपये
हिमांशु ने पकड़े जाने के बाद पहले तो यह बताया कि वह शिव प्रताप का भाई है. इसलिए वह उसके बदले परीक्षा देने के लिए पहुंचा है. हालांकि, पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि हिमांशु नौकरी लगाने वाले गिरोह से जुड़ा है और परीक्षा में बैठने के लिए उसने एक लाख रुपये लिये थे. सूत्रों का यह भी कहना है कि सेटर गिरोह ने शिव प्रताप को परीक्षा में पास कराने के लिए 12 लाख तय किया था और तीन लाख रुपये ले भी चुका है. पुलिस हिमांशु को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. यह बात भी स्पष्ट हुई है कि नौकरी लगाने वाला गिरोह यूपी का है और उसके तार बिहार के सेटर से जुड़े हुए हैं.
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