Upendra Kushwaha and Tejashwi Yadav: बिहार में राजनीति लगातार गर्म होती जा रही है. जदयू संसदीय बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. इसे लेकर वो लगातार पार्टी के नेताओं और सीएम पर तीखा हमला कर रहे हैं. हालांकि, नीतीश कुमार खुद भी कई बार उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कड़े बयान दे चुके हैं. दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा आने वाले विधानसभा चुनाव का नेतृत्व तेजस्वी यादव के हाथों में देने से नाराज चल रहे हैं. इस बायनबाजी के बीच हम नेता और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने भी इंट्री मार दी है. उनके बयान एक बार फिर से राजनीति गर्म हो गयी है.
कुशवाहा ने मन में पाल कुछ रखा है: मांझी
उपेंद्र कुशवाहा के बयान से जारी उठा पटक के बीच जीतन राम मांझी ने भी तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके बयानों से पता चल रहा है कि कुशवाहा के मन में कुछ और पाल रखा है. नीतीश कुमार के बयान के बाद उनको लग रहा है कि उनका पत्ता साफ हो गए. ऐसे में वो और बढ़-चढ़कर बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी नेता को कोई परेशानी हो तो सीधे मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए, न की मीडिया के सामने जाकर बयानबाजी करना चाहिए. राज्य में महागठबंधन की सरकार को गिराने के लिए लगातार कोशिश चल रही है. ऐसे ही किसी साजिश का शिकार उपेंद्र कुशवाहा भी हो गए. वो किसी खास की कहने पर महागठबंधन में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं. मगर, वो कभी सफल नहीं हो सकते. नीतीश कुमार महागठबंधन के सभी दलों को साथ लेकर चल रहे हैं.
पांच रुपये की सदस्यता वाला साधारण मेंबर रहने को तैयार: कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा को किसी पद की जरूरत नहीं है. मैं पार्टी में पांच रुपये की सदस्यता वाले साधारण मेंबर बनकर रहने को तैयार हूं. मेरी कोई इच्छा संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष या राष्टीय अध्यक्ष बनने की नहीं है. लेकिन जदयू और राजद के बीच हुए करार को खत्म किया जाए. राजद के नेता खुद कह रहे हैं कि 2025 में सीएम पद के लिए तेजस्वी को आगे किया जाएगा. ये डील नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच हुई है.