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उपेंद्र कुशवाहा अब पार्टी में नहीं, भाजपा से मिलकर दे रहे बयान…जदयू प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा दावा

जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उमेश कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अब जदयू में नहीं हैं. वो जो बयान दे रहे हैं उसका कोई मतलब नहीं है. वो भाजपा के साथ हैं और भाजपा के साथ मिलकर जदयू को कमजोर करने में लगे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2023 3:33 PM

पटना. जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उमेश कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अब जदयू में नहीं हैं. वो जो बयान दे रहे हैं उसका कोई मतलब नहीं है. वो भाजपा के साथ हैं और भाजपा के साथ मिलकर जदयू को कमजोर करने में लगे हैं. उमेश कुशवाहा ने मंगलवार को यह दावा पत्रकारों के उपेंद्र कुशवाहा के प्रेस कॉन्फ्रेंस के ऊपर किये गये सवाल पर किया. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की बातों पर अब क्या कहा जाये. पार्टी ने उन्हें तीसरे नंबर का पद दिया, जिसे वो झंनझुना बता रहे हैं, उनके बयानों पर अब कोई प्रतिक्रया देना व्यर्थ है.

औपचारिक रूप से विदाई की घोषणा अब तक नहीं

पिछले कुछ दिनों से जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है. इसके बाद जदयू के नेताओं की तरफ से ही उन पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने दो दिन पहले ही उपेंद्र कुशवाहा से इस्तीफा मांगा था. उन्होंने कहा है कि जिस कोटे से वह बिहार विधान परिषद के सदस्य बने हैं. उससे वह पहले त्यागपत्र दे दें. इसके बाद कुछ कहें. मंगलवार को उमेश ने यह दावा भी किया कि उपेंद्र अब जदयू में नहीं हैं. वैसे औपचारिक रूप से उनकी विदाई की घोषणा अब तक नहीं हुई है.

पार्टी में उनको तीसरे नंबर का जगह दिया गया

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सोमवार को भी पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जो भी बयानबाजी कर रहे हैं, वो राजनीतिक मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं. हमारे नेता पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से पहले उनमें जरा भी राजनीतिक मर्यादा और नैतिकता है, तो विधान परिषद की सदस्यता से त्याग पत्र दें, तब बयानबाजी करें. उमेश कुशवाहा ने कहा कि हमारे नेता ने उनको कितना सम्मान देने का काम किया, अभी भी पार्टी में उनको तीसरे नंबर का जगह दिया गया. उनमें अगर जरा भी नैतिकता है तो अनर्गल बयान बंद करें. हमारे नेता ने जो आपको दिया है, उससे त्याग पत्र दें.

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