बिहार के सीएम नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के लिए अब महगठबंधन की दो प्रमुख पार्टी जदयू और राजद के बीच घमासान छिड़ गया है. राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने के लिए लालू प्रसाद का आशीर्वाद मिल गया है. अब इसी बात पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए नीतीश कुमार को किसी व्यक्ति की नहीं , जनता के आशीर्वाद की जरूरत है.
जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे. राजद में जदयू का विलय नहीं होगा, हम राजद के साथ महागठबंधन में हैं. वहीं, राजद नेता व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह की बयानबाजी पर कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा कि 14 जनवरी तक का इंतजार करना चाहिए.
शनिवार को जदयू कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर उपेंद्र कुशवाहा से जब पूछा गया कि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का आशीर्वाद प्रधानमंत्री बनने के लिए मिल गया है, तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए मुख्यमंत्री को किसी व्यक्ति की नहीं हिंदुस्तान की जनता के आशीर्वाद की जरूरत है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री पर सुधाकर सिंह के बयान से वे लगातार आहत हुए हैं. इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह सहित राजद प्रवक्ता की प्रतिक्रिया भी लगभग एक ही भाषा में थी. ऐसा लगता है कि दोनों के लिए एक ही जगह से स्क्रिप्ट लिखी गयी हो, यह बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सामाजिक आंदोलन को बल देने वाले देश के सबसे बड़े नेता हैं. इसलिए उन्होंने अपने दल का विलय जदयू में किया. उनके जदयू छोड़ कर किसी अन्य दल में जाने की कोई संभावना नहीं है. इसे लेकर कोई अर्थ निकाल लेना गलत है.
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उपेंद्र ने कहा कि भाजपा ने जातीय गणना का सर्वदलीय बैठक में समर्थन किया था, अगर अब विरोध कर रही है, तो यह उनकी दो नीति को दिखाता है. उन्होंने साफ किया कि 14 जनवरी को संक्रांति के अवसर पर जो चूड़ा-दही का भोज हो रहा है, यह जदयू नेता के तौर पर वे आयोजित कर रहे हैं. कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग इस भोज की व्याख्या गलत अर्थों में कर रहे थे, यह गलत है.