अमित शाह से मिलकर पटना लौटे उपेंद्र कुशवाहा, एनडीए में लौटने को लेकर कही ये बात
राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर शुक्रवार को पटना लौटे. अमित शाह से हुई उनकी इस मुलाकात के दौरान बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद थे.
पटना. राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर शुक्रवार को पटना लौटे. अमित शाह से हुई उनकी इस मुलाकात के दौरान बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद थे. दिल्ली से पटना लौटे उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा के साथ अपने भावी संबंधों को लेकर बड़े संकेत दिये हैं. उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने के बाद ही सियासी गलियारे में यह कयास लगाया जा रहा है कि कुशवाहा एक बार फिर से एनडीए में शामिल होंगे. जदयू में रहते हुए भी दिल्ली के अस्पताल में उनकी भाजपा नेताओं के साथ मुलाकात की तस्वीरें सामने आयी थी.
आप लोग अटकलें लगाने के लिए स्वतंत्र हैं
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमारी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से हुई है. जाहिर है कि मुलाकात हुई है तो कुछ बात हुई ही होगी. मुलाकात तो बात करने के लिए ही होती है. एनडीए में जाने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आप लोग अटकलें लगाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन कौन सी बात बताएंगे और कौन सी नहीं बताएंगे, यह मेरे ऊपर रहने दीजिए. उन्होंने कहा कि अगर कुछ ऐसा होगा या जब मुझे आवश्यकता महसूस होगी, तब मैं आप लोगों को खुद बुलाकर बतायेंगे. उस स्तर तक अभी हम खुद को तैयार नहीं कर पाए हैं कि उन सब चीजों को शेयर कर पाएं.
जो भविष्य बर्बाद हुआ है उसको कौन लौटाएगा?
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के सामने 2024 में कोई चैलेंज ही नहीं है. नीतीश कुमार की विपक्षी एकजुटता के प्रयास पर कहा कि क्या नया था? मुलाकात के बाद जब मीडिया से मुखातिब हुए तो उस वक्त नीतीश कुमार के साथ वही लोग थे, जो बिहार में नीतीश कुमार के साथ होते हैं. नीतीश कुमार ने जिन जिन विषयों पर जो जो पॉलिसी बनायी है, उनमें से अधिकतर पॉलिसी का खामियाजा आज राज्य भुगत रहा है. एक सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि हम लोगों ने कहा था कि आयोग बनाकर करें शिक्षकों की बहाली, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया. अब जाकर नीतीश कुमार संशोधन कर हमारी बातों को ही मान रहे हैं. जो भविष्य बर्बाद हुआ है उसको कौन लौटाएगा? काफी चीजों को बदलने की जरूरत पहले थी, लेकिन बदलने का निर्णय अब ले रहे हैं.