बांका. जदयू के बागी नेता उपेंद्र कुशवाहा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी राय साफ कर दी है. नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पता नहीं किसकी भाषा बोल रहे हैं. कुशवाहा अब किसी और की बोली बोल रहे हैं. उन्हें जहां जाना है जाये, फैसला उनको लेना है. समाधान यात्रा पर बांका पहुंचे नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नीतीश ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जदयू के साथ आए तो सब लोगों ने उन्हें खूब आदर दिया. हम खुद कुशवाहा को इज्जत देते रहें, लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि वे ऐसी भाषा बोलने लगे. नीतीश ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि जब किसी का प्रचार हो रहा हो तो समझ जाइए कि कहां से प्रचार हो रहा है.
दरअसल उपेंद्र कुशवाहा पार्टी नेतृत्व के खिलाफ लगातार हमला बोल रहे हैं. पहले जगदेव बाबू की जयंती पर अलग कार्यक्रम कर के पार्टी को असहज किया अब पत्र जारी कर जदयू नेताओं की पार्टी से अलग बैठक बुलाने की बात कही है. वैसे रविवार को ही ललन सिंह ने कड़े शब्दों में कुशवाहा की चिट्ठी का जवाब दे दिया था, लेकिन सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुशवाहा हमारी पार्टी को छोड़कर दो बार जा चुके थे, बावजूद इसके तीसरी बार उनको मौका दिया गया. हमने तो उन्हें बहुत इज्जत दी, पता नहीं उन्हें क्या हो गया है, किसकी भाषा बोल रहे हैं. दो महीने के अंदर ऐसा क्या हो गया समझ में नहीं आ रहा है. इस मामले पर रोज बोलना और उसके प्रचार का मतलब है कि किसी और के लिए बोल रहा है तो इसका प्रचार हो रहा है. उन्हें कहीं जाना है तो जायें. फैसला उनको लेना है.
इससे पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने समाधान यात्रा के 20वें दिन बांका पहुंचे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां बिहार सरकार की तरफ से चल रही सरकारी योजनाओं की समीक्षा की. इन इलाकों में चल रहे विकास कार्यों का भी जायजा लिया. सीएम के आगमन को लेकर सुरक्षा काफी पुख्ता इंतजाम किया गया था. सीएम यहां हवाई मार्ग के जरिए पहुंचें और फिर सड़क मार्ग का उपयोग कर इलाके का जायजा लेने रवाना हुए. करझोसा तसर केंद्र कृषि केंद्र के बाद बांका चन्द्रशेखर भवन गये. फिर निरीक्षण भवन और फिर समाहरणालय पहुंचे हैं. यहां उनका जीविका दीदियों से संवाद हुआ है.