भागलपुर: टीएनबी कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य पद के विवाद को लेकर गुरुवार को विवि से लेकर कुलपति आवास तक गहमागहमी रहा. मामला इस तरह बिगड़ा कि डीएसडब्ल्यू प्रो योगेंद्र ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया.
एक दिन पहले सिंडिकेट की बैठक में प्रभारी प्राचार्य के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक दिन पहले सिंडिकेट में पांच सदस्य वाली कमेटी गठित की गयी थी. लेकिन गुरुवार कमेटी के सदस्य प्रो योगेंद्र के बिना ही आनन-फानन में बैठक बुलायी गयी.
सूत्रों के अनुसार डीएसडब्ल्यू गुरुवार को छुट्टी पर थे. इसके अलावा एक और अन्य सदस्य भी छुट्टी पर जिला से बाहर थे, बताया जा रहा है कि कुलपति के निर्देश पर कमेटी के सदस्य को विवि में आने के लिए कहा गया. ताकि मामले में बैठक हो सकें. बताया जा रहा है कि मात्र तीन सदस्य से उपस्थित हो पाये. कमेटी ने टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य पद को लेकर लंबा समय तक मंथन किया. इसमें कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. साथ ही एक अन्य शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाने की बातें भी सामने आयी.
जानकारी के अनुसार वीसी के कहने पर ही डीएसडब्ल्यू प्रो योगेंद्र ने अर्चना साह से बात की थी. कुलपति के हवाला से डीएसडब्ल्यू ने प्रो साह से कहा था कि दो दिन में मामले में फैसला आ जायेगा. धरना समाप्त करने के लिए अनुरोध किया था. इसके बाद अर्चना साह ने धरना स्थगित कर दिया था. लेकिन विवि प्रशासन द्वारा प्रो साह को प्रभारी प्राचार्य बनाने पर स्थिति स्पष्ट नहीं किया. सूत्र बताते है कि इस घटना क्रम से प्रो योगेंद्र ने अपने करीबियों से कहा कि उनकी भरोसे वाली छवि खराब हुई है. प्रो साह व शिक्षक संघ के सदस्यों ने उनके संदेश पर भरोसा किया. धरना स्थगित कर दिया. सूत्रों बताते है कि प्रो योगेंद्र ने कहा है कि शिक्षकों व कर्मियों का विश्वास खोकर डीएसडब्ल्यू पद संभाला कहां से उचित नही है.
टीएनबी कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज के ही तीन शिक्षक को शोकॉज किया है. इसमें डॉ मनोज, डॉ मुश्फिक आलम व डॉ निर्लेश कुमार शामिल है. कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो एसएन पांडे ने शोकॉज में शिक्षकों से पूछा है कि वे लोग धरना स्थल पर किस उद्देश्य से गये थे, क्या वरीयता क्रम शिक्षक संघ तय करेगा. धरना कार्यक्रम में लगातार जाने से कॉलेज का शैक्षणिक माहौल बिगड़ा है. कॉलेज की गरिमा का हनन हुआ है. कॉलेज प्रशासन ने दो दिन में उक्त शिक्षकों से जवाब मांगा है.