आरा. बिहार के आरा से बड़ी खबर सामने आ रही है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मरीज का शव को ले जाने के लिए, जब एम्बुलेंस नहीं मिली तो ग्रामीणों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा. आक्रोशितों ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए मेन गेट का सीसा तोड़ दिया. कुछ देर तक अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बन गया. यह घटना उदवंतनगर की बतायी जा रही है. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. हालांकि जब तक पुलिस अस्पताल पहुंची, उससे पहले ही सरारती भाग चुके थे. अस्पताल में करीब आधे घंटे तक बवाल मचा रहा.
डॉक्टर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी सहमे रहे. जानकारी के अनुसार उदवंतनगर गांव से एक मरीज को परिजन अस्पताल ले कर आये. जहां सीएचसी में तैनात डाक्टर डॉ अविनाश ने मरीज को मृत घोषित किया. उसके बाद मृतक के साथ आए लोगों ने शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग करने लगे. डॉक्टर तथा तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है और शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया कराने का प्रावधान भी नहीं है. एम्बुलेंस मरीज को लेने गई है. उसके बाद मौजूद लोगों ने डॉक्टर आपके द्वार में लगे एम्बुलेंस की मांग करने के साथ हंगामा शुरू कर दिया. कर्मियों के लाख समझाने के बाद भी उपद्रव नहीं थमा. तोड़ फोड़ शुरू कर दी गयी.
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आक्रोशितों द्वारा अस्पताल के मेट गेट तथा उसमें लगे सीसा को तोड़ दिया गया. स्वास्थ्य कर्मियों ने उदवंतनगर थाना को घटना की सूचना दी. घटना के संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पीपी सिंह ने बताया कि उदवंतनगर के कुछ लोगों द्वारा अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की गई है. उदवंतनगर गांव के एक मरीज को सीएचसी में परिजनों द्वारा लाया गया. जिसे ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया. उसके बाद परिजन शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग करने लगे.
शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस देने का प्रावधान नहीं है. बवालियों ने एएनएम सहित स्वास्थ्य कर्मियों को कमरे में बंद कर दिया था. उसके बाद तोड़ फोड़ की गयी. घटना के संबंध में उदवंतनगर पुलिस को कारवाई के लिए लिखित आवेदन दिया गया है. थानाध्यक्ष शशिभूषण प्रसाद ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है. दोषियों पर कारवाई सुनिश्चित है.