यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में पिछले पांच सालों में बिहार की प्रतिभाओं ने देशभर में अपना लोहा मनवाया है. मौजूदा मुख्य सचिव आमीर सुबहानी ने 1987 में पहला स्थान पाकर बिहार का नाम रोशन किया था. इस साल की परीक्षा में पहले दो स्थानों पर बिहार की बेटियां- क्रमश: इशिता किशोर और गरिमा लोहिया रही. विशेष बात ये है कि बिहार की प्रतिभाओं ने पिछले पांच सालों में दूसरी बार शीर्ष रेंक हासिल की है. इससे पहले 2020 की परीक्षा में मुंबई आइआइटी के छात्र रहे शुभम कुमार ने शीर्ष रैंक हासिल किया था. शुभम कुमार कटिहार जिले के निवासी हैं.
बिहार से टॉपर बनने की शुरुआत 1960 में हुई थी, जब जगन्नाथन मुरली बिहार से पहले टॉपर बने थे. उन्होंने पटना में रहकर ही पढ़ाई की थी. उनके पिता भी आइसीएस (ब्रिटिश काल) थे और तब पटना में पदस्थापित थे. छह साल बाद 1966 में पूर्णिया के आभास चटर्जी टॉपर बने. 1966 के बाद बिहार को टॉपर के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. वर्तमान मुख्य सचिव आमिर सुबहानी 1987 में टॉपर बने थे. इसके अगले साल भी बिहार के ही प्रशांत कुमार टॉपर बने. 1988 के बाद मुंगेर के सुनील कुमार बर्णवाल ने पहला रैंक प्राप्त किया. 2001 में आलोक रंजन झा टॉपर बने. वहीं, 2020 में कटिहार के शुभम कुमार ने ऑल इंडिया में पहला स्थान प्राप्त किया. इस बार इशिता किशोर टॉपर बनीं.
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1960 : जगन्नाथन मुरली बिहार से पहले टॉपर थे. उन्होंने पटना में रह कर पढ़ाई की थी.
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1966 : पूर्णिया के आभास चटर्जी टॉपर बने.
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1987 : आमिर सुबहानी ने रैंक में पहला स्थान हासिल किया था. इस समय वह बिहार के मुख्य सचिव हैं.
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1988 : बिहार के ही प्रशांत कुमार टॉपर रहे.
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1997 : सुनील कुमार बर्णवाल टॉपर रहे.
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2001: बिहार के आलेाक झा पहले स्थान पर रहे थे.
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2020 : आइआइटियन शुभम कुमार ने हासिल की थी शीर्ष रैंक
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2022 : इशिता
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