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UPSC Success Story: प्राइवेट नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी कर बन गई अधिकारी…

UPSC Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में बिहार की रहने वाली अन्नपूर्णा सिंह ने 99वीं रैंक हासिल किया है. वह बांका जिले के लाहोरिया गांव की निवासी हैं. उनके पिता एक सधारण किसान हैं. अन्नपूर्णाा की उपलब्धि इसलिए और भी खास और प्रेरीत हो जाती है क्योंकि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी नौकरी के साथ की.

UPSC Success Story: कुछ ऐसे प्रतिभावान व्यक्ति होते हैं, जो सपने देखते हैं और अपने लक्ष्य का तब तक पीछा करते हैं जब तक हासिल न कर लें. ऐसी ही एक कहानी है, बिहार की रहने वाली अन्नपूर्णा सिंह की. बता दें कि साधारण परिवार में पली बढ़ी अन्नपूर्णा ने पढ़ाई पूरी करने के बाद एक अच्छी कंपनी में नौकरी करने लगीं. लेकिन उनका सपना यूपीएससी क्रैक करने का था. ऐसे में उन्होंने नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखी और आखिरकार एक दिन वो अपना लक्ष्य प्राप्त कर ली.

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में बिहार की रहने वाली अन्नपूर्णा सिंह ने 99वीं रैंक हासिल किया है. वह बांका जिले के लाहोरिया गांव की निवासी हैं. उनके पिता एक सधारण किसान हैं. अन्नपूर्णाा की उपलब्धि इसलिए और भी खास और प्रेरीत हो जाती है क्योंकि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी नौकरी के साथ की. वह इंटेल कंपनी में सेमीकंडक्टर इंजीनियर के प्रोफाइल पर जॉब करती थीं. उन्होंने प्राइवेट कंपनी की हेक्टिक जॉब के साथ पढ़ाई के लिए बहुमुल्य समय निकाला.

बता दें कि अन्नपूर्णा सिंह ने बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया. पढ़ाई पुरा होने के बाद उनकी नौकरी मल्टीनेशनल कंपनी इंटेल में सेमीकंडक्टर इंजीनियर के पोस्ट पर लग गई.

कोविड महामारी के दौरान यूपीएससी के बारे में सोचा

अन्नपूर्णा ने कोविड महामारी के दौरान यूपीएससी सिविल सेवा के बारे में सोचा. शुरुआत के दो प्रयास में असफल रहीं. लेकिन उन्होंने मन बना लिया था कि अधिकारी बनना है. आखिरकार तीसरे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल कर लीं. अन्नपूर्णा बताती हैं कि कोविड महामारी के दौरान उन्होनें आफलाईन कक्षाओं के बजाय ऑनलाइन कोचिंग का विकल्प चुना था. जब लिखित उन्होने पास कर लिया तब मॉक इंटरव्यू के लिए आफलाईन कोचिंग ली.

अन्नपूर्णा बताती हैं कि उन्होंने जब यूपीएससी का पहला अटेम्प्ट दिया उसके बाद लाखों की सैलरी वाली जॉब छोड़ दी. वह अपने अगले दो प्रयास की तैयारी के लिए पटना चली गईं. उन्होंने कहा कि यूपीएससी के लिए मैने आर्थिक रूप से सुरक्षित आरामदायक जीवन छोड़ दिया. लेकिन मेरे साथ मेरी मां हमेशा खड़ी रही. मां के समर्थन के बिना इतना बड़ा मुकाम हासिल करना नामुमकिन था.

तैयारी में जल्दबाजी न करें छात्र

अन्नपूर्णा यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को शुरुआती प्रयास में जल्दबाजी न करने की सलाह देती हैं. वह असफलताओं से निपटने और रचनात्मक तरीके अपनाने के लिए कहती हैं. वह कहती हैं कि अगर असफलता का सामना करना पड़े, तो इससे निपटने के लिए ऐसे तरीके न अपनाएं जो आपके नुकसानदेह हो. अन्नपूर्णा ने अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट जियोग्राफी रखा था. उन्होंने सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए यूट्यूब चैनलों जैसे ऑनलाइन रिसोर्सेज का इस्तेमाल किया.

इंटरव्यू में सेकेंड टॉपर रहीं थीं

अन्नपूर्णा कहती हैं कि यूपीएससी में टॉप 100 रैंक में जगह दिलाने में इंटरव्यू में मिले मार्क्स की अहम भूमिका रही. उन्हें इंटरव्यू में 212 अंक मिले थे. पूरे भारत में वह यूपीएससी इंटरव्यू में सेकेंड टॉपर रहीं थीं. उनका कहना है कि इंटरव्यू के लिए पढ़ाई नहीं करनी पड़ती, यह मिथक है. मैनें मुख्य परीक्षा की तुलना में इंटरव्यू के लिए अधिक पढ़ाई की थी.

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