पटना. राज्य भर में एक लाख 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जहां राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत बच्चों व महिलाओं को लाभ पहुंचाया जाता हैं, लेकिन हाल की विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आयी है कि शहरी आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चे घट रहे हैं. ऐसे में विभाग के अधिकारियों को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में आंगनबाड़ी केंद्र के कार्य को देखने के लिए भेजा गया था, जब अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपी. जिसमें कहा गया है कि शहरी आंगनबाड़ी केंद्र को प्लेस्कूल की तर्ज पर बेहतर करने की अब जरूरत है, ताकि केंद्र पर बच्चों की संख्या बढ़ सकें.
शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य में अभियान चलेगा. जिन केंद्रों पर बच्चे कम होंगे. उस केंद्र को पास के आंगनबाड़ी केंद्रों में शामिल किया जायेगा, जिसमें बच्चों की संख्या कम होगी. बतादें कि बिहार से समाज कल्याण विभाग के निदेशालय आइसीडीएस के अधिकारी आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के शहरी इलाकों में बने आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करने गये थे. जब अधिकारी ने वहां के आंगनबाड़ी केंद्र को देखा, तो वहां के आंगनबाड़ी केंद्र को प्ले स्कूल के बराबर विकसित किये गये है. यह काम नगर निगम और आइसीडीएस ने मिलकर किया है. इस कारण से वहां के स्लम क्षेत्र में रहने वाले परिवार अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में हर दिन भेजते है.
पोषण ट्रैकर एप से बढ़ेगी निगरानी
आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी के लिए दो ऐप हैं, जिसमें पोषण और आंगन एप है, लेकिन अब विभाग ने पोषण एप के जरिये केंद्रों की निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस ऐप से हर दिन केंद्र पर कितने बच्चे आ रहे हैं और उनका क्या नाम है यह भी पता चल पायेगा. एप को और अपडेट किया जा रहा है ताकि केंद्र पर हर दिन कितने बच्चे आते हैं इसकी सही जानकारी विभाग के पास उपलब्ध रहे.
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हैदराबाद, तमिलनाडु के आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई करने वाले बच्चे ओलंपियाड में जाते हैं. वहीं इन केंद्रों में पढ़ाई करने वाले कई नेशनल प्रतियोगिता में भी भाग लेते हैं. जब इस संबंध में वहां के अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में प्ले स्कूल केसर की सभी पढ़ाई बेहतर ढंग से की जाती है.
समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए निर्देश जारी किये गये हैं. कोरोना के बाद हर केंद्र पर बच्चों के लिए सुविधाएं और बेहतर की जायेगी. साथ ही जहां बच्चों की उपस्थिति कम है उन केंद्र को वैसे जगह शिफ्ट किया जाये, जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है या कम हैं.