Uttarakhand Tunnel News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इसमें बिहार के मजदूर भी शामिल है. मजदूरों को निकालने के लिए काफी मेहनत किया जा रहा था. इसके बाद इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इसके बाद सभी काफी खुश है. बिहार के एक मजदूर वीरेंद्र किस्कू की भी सुरंग में फंस गए थे. उनके सुरक्षित बाहर निकलने के बाद उनकी मां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही पूरे रेस्क्यू टीम को धन्यवाद दिया है. वहीं, धामी सरकार ने मजदूरों को एक- एक लाख रूपए देने की घोषणा की है. इधर, बिहार सरकार की ओर से भी श्रमिकों को कई तरह के लाभ दिए जाते है.
लेबर कार्ड धारकों को बिहार सरकार की ओर से कई तरह के लाभ दिए जाते हैं. सरकार की ओर से जनता के हित में कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है. मजदूरों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराने के बाद श्रम कार्ड बनाया जाता है. इसके बाद सरकार की योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है. बिहार सरकार ने साल 2022 में गरीब मजदूरों के विकास के लिए लेबर कार्ड स्कॉलरशिप की शुरूआत की थी. ऐसा इसलिए किया गया था कि गरीब मजदूरों के बच्चों को सरकार की योजनाओं का फायदा पहुंच सके. मजदूर के परिवार वाले इस योजना का फायदा उठा भी सकते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए मजदूर कार्ड का होना जरूरी है. राजमिस्त्री, कारपेंटर, लोहार, पेंटर, लेबर या फिर किसी भी तरह का मजदूरी करने वाले लोग इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.
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लेबर कार्ड बन जाने के बाद श्रमिकों के परिवारों को कई तरह की योजनाओं का लाभ मिल जाता है. मजदूर के बच्चों को 10 हजार से लेकर 25 हजार रूपए तक की स्कॉलरशिप दी जाती है. छात्र के माता- पिता में से किसी एक के पास लेबर कार्ड का होना जरूरी है. योजना में श्रमिक को रजिस्टर करने के बाद क साल की सदस्यता मिल जाती है. बच्चों के पढ़ने के लिए कुछ शर्ते भी है. अधिकतम दो बच्चों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा. वहीं, छात्र को 10वीं और 12वीं की परीक्षा में 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक लाना जरूरी है. इसके बाद 25 हजार रूपए का लाभ दिया जाता है. वहीं, 70 प्रतिशत से 79.99 % तक अंक प्राप्त करने पर 15 हजार रूपए का लाभ दिया जाता है. 60 से 69.99 प्रतिशत अंक लाने पर 10 हजार रुपये तक दिए जाते है. श्रमिक कार्ड और नंबर की शर्त पूरा होने पर इसके लिए अप्लाई किया जा सकता है.
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वहीं, बिहार कैबिनेट में भी मजदूरों के लिए फैसले लिए गए है. अगस्त 2023 में कैबिनेट की ओर से फैसला लिया गया था कि राज्य या देश के बाहर प्राकृतिक रूप से या किसी हादसे के कारण मरने वाले प्रवासी मजदूरों के परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को बढ़ाया जाएगा. मजदूर की बाहर मौत होने पर उनके परिवारों को दो लाख रूपए की राशि दी जाती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इसमें ही यह फैसला लिया गया था. राज्य श्रम संसाधन विभाग ने कैबिनेट के सामने यह प्रस्ताव रखा था. इसके बाद यह फैसला लिया गया था. जानकारी के अनुसार प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना की स्थिति में राज्य सरकार मरने वाले मजदूरों के परिवारों को सहायता राशि उपलब्ध कराती है. इसमें बढ़ोतरी का फैसला लिया गया था. घटना के 180 दिनों के भीतर देश या विदेश के अन्य हिस्सों में मौत के बाद यह राशि उपलब्ध कराई जाती है. इसके अंतर्गत ऐसे परिवारों को दो लाख की सहायता राशि दा जाती है.