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उत्तरकाशी सुरंग हादसा: बिहार के वीरेंद्र ने बताया टनल में कैसे कटे 17 दिन, बिना घबराए अंदर रोज हटाता था मलबा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बिहार के भी 5 श्रमिकों की जान फंसी हुई थी. मंगलवार की देर शाम को सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. बीते 17 दिनों से ये टनल में फंसे हुए थे. बिहार के बांका निवासी विरेंद्र ने बताया कि कैसे उनके ये दिन कटे..

Uttrakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग (Uttarkashi Surang News) में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों के परिजनों के लिए मंगलवार की देर शाम मंगलकारी खबर आयी, जिसका सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. बिहार के बांका जिला के वीरेंद्र भी टनल में फंसे थे. कटोरिया के लकरामा पंचायत के तेतरिया गांव निवासी सह रिटायर्ड पंचायत सेवक मुन्नीलाल किस्कू व जीविका दीदी सुषमा हैंब्रम के छोटे पुत्र सह पॉकलेन ड्राइवर वीरेंद्र किस्कू भी सकुशल बाहर निकाल लिया गया. रेस्क्यू पूरा होते ही सर्वप्रथम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुरंग के भीतर गये. उन्होंने सभी फंसे मजदूरों से मुलाकात कर पूरी रेस्क्यू टीम को बधाई एवं फंसे मजदूरों व उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी.

टनल के भीतर ही भाई से लिपट गया वीरेंद्र

कुछ मिनट बाद ही सुरंग के बाहर इंतजार कर रहे वीरेंद्र किस्कू के बड़े भाई देवराज किस्कू को टनल के भीतर जाने की अनुमति मिली. टनल में बड़े भाई को देखते ही वीरेंद्र किस्कू की आंखें खुशी से छलछला उठी. कई मिनट तक दोनों भाई एक-दूसरे से लिपटे रहे. फिर सुरंग से बाहर निकलते ही एंबुलेंस से स्वास्थ्य जांच को लेकर वीरेंद्र को अस्पताल ले जाया गया. एंबुलेंस वाहन से ही बड़े भाई देवराज किस्कू भी अस्पताल गये. जबकि पत्नी रजनी टुडु व भाभी सुनीता टुडु दूसरे वाहन से पहुंचे. सुरंग से बाहर निकलते ही वीरेंद्र ने मोबाइल से अपनी मां सुषमा हैंब्रम, पिता मुन्नीलाल किस्कू व तीनों बच्चों से बातचीत भी की.

टनल में साहसी वीरेंद्र करता रहा था काम

सुरंग से बाहर निकलने के बाद प्रभात-खबर से बातचीत के दौरान वीरेंद्र किस्कू ने बताया कि पिछले 17 दिनों के दौरान वह जरा भी नहीं घबराया. उसने बताया कि सुरंग में फंसने के 12 घंटे बाद से ही अंदर में पानी, भोजन, ऑक्सीजन आदि मिलना प्रारंभ हो गया था. पॉकलेन चालक वीरेंद्र ने बताया कि सुरंग के भीतर भी वह रोजाना मलबा हटाने आदि का कार्य करते रहा था. कभी भी हताश या निराश नहीं हुआ, ना ही घबराया. उसे सरकार व प्रशासन पर पूरा भरोसा भी था. परिजनों से बातचीत होने के बाद से हौसला भी बढ़ता गया. साथी मजदूरों को भी ढांढस बंधाने का काम किया.

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मां ने पीएम व सीएम कहा धन्यवाद

वीरेंद्र किस्कू की मां सुषमा हैंब्रम ने रेस्क्यू पूरा होने एवं सुरंग से मजदूरों के सकुशल बाहर आने पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी सहित पूरे रेस्क्यू टीम को धन्यवाद दी. मां ने बताया कि पिछले 17 दिनों तक वह अपने ईश्वर से प्रतिदिन अपने पुत्र वीरेंद्र किस्कू सहित सभी मजदूरों के सकुशल बाहर निकलने को लेकर प्रार्थना करती रही थी.

खाना में दलिया, खिचड़ी व रोटी-सब्जी भी मिली

विदित हो कि गत 12 नवंबर को ही उत्तरकाशी सुरंग में चल रहे काम के दौरान धंसान के कारण 41 मजदूर अंदर फंस गये थे. लगातार 17 दिनों तक चले रेस्क्यू के बाद सभी मजदूर सकुशल बाहर निकले. कटोरिया के मजदूर सह पॉकलेन चालक वीरेंद्र किस्कू के बड़े भाई देवराज किस्कू, पत्नी रजनी टुडु व भाभी सुनिता टुडु गत 16 नवंबर से ही उत्तरकाशी सुरंग के बाहर डेरा डाले हुए थे. सभी बेसब्री से वीरेंद्र के सकुशल बाहर निकलने का इंतजार कर रहे थे. इंतजार का फल मंगलवार की देर शाम मीठा व सुखद साबित हुआ. परिवारजनों सहित ग्रामीणों में भी खुशी की लहर देखी गयी. आस-पास के क्षेत्रों में साहसी विरेंद्र के 17 दिनों तक सुरंग में फंसे होने की चर्चा व्याप्त थी.

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