// // Sushil Kumar of Rohtas came out of the tunnel safely
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Uttarkashi Tunnel Rescue: सुरंग से सुरक्षित निकले रोहतास के सुशील कुमार, परिजनों के छलके आंसू, घर में जले दीपक

उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे रोहतास के सुशील विश्वकर्मा का परिवार 17 दिनों से मातम के माहौल में जी रहा था. घर में चूल्हा नहीं जल रहा था, लेकिन जैसे ही मंगलवार को उनके रेस्क्यू की खबर मिलती तो पूरे घर में खुशी का माहौल छा गया.

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी सुरंग में फंसे रोहतास जिले के तिलौथू के चंदनपुरा निवासी सुशील कुमार विश्वकर्मा को मंगलवार को सुरक्षित बचा लिया गया. घर पर उनके सकुशल होने की खबर मिलते ही परिजन उत्साहित हो गये. घर में बेहद खुशी का माहौल है. सुशील कुमार शर्मा रोजी-रोटी कमाने के लिए उत्तराखंड गया था. वह अचानक 40 अन्य मजदूरों के साथ सुरंग में फंस गए थे. इसके बाद घर में मातम छा गया. घटना के तुरंत बाद सुशील के बड़े भाई हरिद्वार शर्मा मौके पर पहुंचे हुए थे. भाई के सुरंग से बाहर आने की खबर सबसे पहले उन्होंने अपने पिता को दी, जिसके बाद घर में खुशियां छा गईं. घर में उत्सव का माहौल है.

17 दिनों से मातम से था मातम का माहौल

17 दिनों से उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे तिलौथू प्रखंड के चंदनपुरा गांव निवासी सुशील विश्वकर्मा का परिवार 17 दिनों से मातम के माहौल में जी रहा था. घर में चूल्हा नहीं जल रहा था, लेकिन जैसे ही मंगलवार को यह खबर आयी कि उत्तरकाशी के टनल में 17 दिन से फंसे सुशील कुमार समेत अन्य मजदूर को रेस्क्यू टीम द्वारा बाहर निकाल लिया जायेगा. यह खबर सुन सुशील विश्वकर्मा के चंदनपुरा स्थित घर पर काफी खुशी का माहौल छा गया. परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी. घर में दिए जलाए गए.

क्या बोले सुशील कुमार के पिता

सुशील कुमार के पिता राजदेव शर्मा डबडबाते हुए कहते हैं कि आज जैसे लग रहा है कि हम लोगों का नया जन्म हुआ है. मेरा बेटा उत्तरकाशी टनल में 12 नवंबर से फंसा हुआ था, जिसकी कोई खोज खबर नहीं मिल पा रही थी. हमारा एक बेटा वहीं पर पहुंचा हुआ है, जिसके माध्यम से कुछ-कुछ समाचार मिल पाता था और 17 दिनों से हमारे परिवार में चूल्हा नहीं जला है. हम लोग किस तरह से जीवन व्यतीत कर रहे हैं, यह परिवार के लोग ही जानते हैं.

बच्चों के चेहरे पर दिखी मुस्कान

वहीं, सुशील विश्वकर्मा की पत्नी गुड़िया देवी व उनके दोनों छोटे-छोटे बच्चे शुभम कुमार व हिमांशु कुमार के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली. पत्नी को उम्मीद है कि वह सकुशल वापस चले आयेंगे.

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सुशील के बड़े भाई गए हुए हैं उत्तरकाशी

दनपुरा में ही घर पर मौजूद सुशील विश्वकर्मा के भाई संजय विश्वकर्मा बताते हैं कि हमारे बड़े भाई हरिद्वार विश्वकर्मा उत्तरकाशी गये हुए हैं, जिनसे बातचीत के माध्यम से वहां का समाचार मिल पाता है. मेरे बड़े भैया हरिद्वार विश्वकर्मा ने बताया कि पाइप के द्वारा एक-दो दिन बातचीत हुई थी और जब एलइडी के माध्यम से भी एक दिन दिखलाया गया तो उसम हमारा भाई सुशील विश्वकर्मा का चेहरा हल्का नजर आया, तब कुछ मन को शांति मिली थी कि मेरा भाई अभी सुरक्षित है. मंगलवार को जैसे ही हम लोगों को यह खबर मीडिया के माध्यम से आयी कि रेस्क्यू टीम के द्वारा उत्तरकाशी में टनल फंसे लोगों को बाहर निकाल लिया जायेगा, तब से परिवार में काफी खुशी का माहौल छाया हुआ था. बड़े भाई हरिद्वार विश्वकर्मा मौके पर मौजूद हैं, उनसे पल-पल की खबर ली जा रही है.

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