पटना. प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन लगाने की मुहिम इन दिनों ठप पड़ी है. प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन दोबारा कब तक शुरू हो पायेगा, यह भी तय नहीं है. कारण, प्राइवेट अस्पतालों में दवाओं की सप्लाइ नहीं हो रही है.
बताया जा रहा है कि कंपनियों से दवाएं सीमित मात्रा में आ रही हैं, जिसे सरकारी अस्पतालों में ही सप्लाइ किया जा रहा है. वहीं, दूसरा कारण यह है कि वैक्सीन लगाने के दौरान जो सेवा शुल्क एक वैक्सीनेशन पर 50 रुपये स्वास्थ्य विभाग की ओर से तय किया गया है, उसका भुगतान नहीं किया गया है. इन दोनों कारणों से प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन कार्य नहीं हो रहा है.
शुरुआती समय में पटना जिले में करीब 50 प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगाने का कार्य किया जा रहा था. प्राइवेट व सरकारी मिलाकर कुल 166 केंद्रों पर वैक्सीन लगायी जा रही था, लेकिन अब सिर्फ 116 सरकारी केंद्रों में ही वैक्सीन लगायी जा रही है. वहीं जानकारों की माने तो पिछले एक सप्ताह से यह समस्या बनी हुई है. यही वजह है कि जिले में 15 से 17 हजार के बदले वर्तमान में 10 से 12 हजार वैक्सीन लगायी जा रही है.
प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की पहली डोज लगवाने वाले लोग दूसरी डोज के लिए परेशान हो रहे हैं. ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में भारत बायोटेक की ‘को-वैक्सीन’ व सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन लगायी गयी.
वहीं सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि वर्तमान समय में 50 प्राइवेट अस्पतालों में कुछ कारण की वजह से वैक्सीन कार्य ठप है. जिन्हें जल्द शुरू करने की कवायद की जायेगी. जिन लोगों ने निजी अस्पतालों से पहला डोज लगवाया है वह अपनी दूसरी वैक्सीन समय अनुसार किसी भी नजदीकी सरकारी अस्पतालों के सेंटर पर जाकर ले सकते हैं.
राज्य में बुधवार को एक लाख दो हजार 152 लोगों का टीकाकरण किया गया. इसमें पहला डोज लेनेवालों की संख्या 42306 जबकि दूसरे डोज लेनेवालों की संख्या 59846 थी. अभी तक कुल 76 लाख 60 हजार 571 डोज दिया गया है.
राज्य में पहला डोज लेनेवालों की संख्या कुल 6204067 हो गयी है जबकि दूसरा डोज लेनेवाले की संख्या 1456504 हो गयी है. इधर पिछले 24 घंटे के अंदर 95248 सैंपल की जांच की गयी. राज्य में एक्टिव केस की संख्या 113479 पहुंच गयी है जबकि रिकवरी रेट 78.38 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटे में कुल 61 लोगों की मौत हुई है. अभी तक राज्य 410484 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं.
Posted by Ashish Jha