सदर अस्पताल में संसाधनों की कमी

हाजीपुर : सरकार के प्रयास के बावजूद सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की यहां आनेवाले मरीजों को परेशान करती है. हाल के वर्षो में सरकारी अस्पतालों में इलाज करानेवाले मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है और उस हिसाब से संसाधनों की वृद्धि देखने को नहीं मिलती है. हाजीपुर सदर अस्पताल में काफी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:42 PM

हाजीपुर : सरकार के प्रयास के बावजूद सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की यहां आनेवाले मरीजों को परेशान करती है. हाल के वर्षो में सरकारी अस्पतालों में इलाज करानेवाले मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है और उस हिसाब से संसाधनों की वृद्धि देखने को नहीं मिलती है.

हाजीपुर सदर अस्पताल में काफी कुछ परिवर्तन हुए हैं, फिर भी कुछ संसाधनों की अभी भी अभाव है. सदर अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या बेडों की कमी है. प्रसव वार्ड में मात्र 20 बेड हैं, जबकि प्रसव के लिए आनेवाली मरीजों की संख्या इससे अधिक होती है. इसके अलावा यूटरस के ऑपरेशन के आने वाले मरीजों को भरती किया जाता है.

कभी-कभी स्थिति ऐसी हो जाती है कि ऐसे मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करना पड़ता है. 9 बजे महिला वार्ड में 12 बेड है पुरुष वार्ड में, 59 बेड हैं. कालाजार वार्ड ,14 बेड हैं आरएस बेबी केयर यूनिट, 3 बेड हैं कैदी वार्ड एवं 5 बेड हैं, आरएस बी आई वार्ड में. मरीजों की संख्या के अनुरूप बेड नहीं रहने पर मरीजों को काफी परेशानी ङोलनी पड़ती है.

अस्पताल में चार ऑपरेशन थियेटर संचालित हो रहे हैं. ओटी असिस्टेंट की कमी है. समस्या और बढ़ जाती है. दवाओं की कमी से मरीज को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ती है. हालांकि अस्पताल प्रशासन सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध होने की बात बताते हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कार्डधारी बीपीएल परिवारों के मरीजों का इलाज शुरू है ऐसे में बेड की कमी और समस्या खड़ी कर सकती है.

मरीजों व कर्मचारियों का कहना था कि बेड की संख्या बढ़ाने के साथ भवन का भी निर्माण होना चाहिए मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन हो रही वृद्धि से यह मांग उचित ही है. कुछ मरीजों ने चिकित्सक की कमी होने की बात बतायी है. जानकारों का कहना है कि सदर अस्पताल समाज का महत्वपूर्ण केंद्र है जहां सभी तरह की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए.

Next Article

Exit mobile version