न सड़कें बनीं, न अस्पताल को मिला भवन
अव्यवस्था . बदतर स्थिति में है केंद्रीय मंत्री द्वारा गोद लिया गांव अकबर मलाही गांव लोन की आस तकते रह गये छड़ी उद्योग के कारीगर और फूल उगाने वाले किसान ताड़ी पीकर उत्पात मचाने वालों से परेशान हैं गांव के लोग दलितों की बस्ती में दस फीसदी घरों में भी शौचालय नहीं है इस साल […]
अव्यवस्था . बदतर स्थिति में है केंद्रीय मंत्री द्वारा गोद लिया गांव अकबर मलाही गांव
लोन की आस तकते रह गये छड़ी उद्योग के कारीगर और फूल उगाने वाले किसान
ताड़ी पीकर उत्पात मचाने वालों से परेशान हैं गांव के लोग
दलितों की बस्ती में दस फीसदी घरों में भी शौचालय नहीं है
इस साल मार्च में महनार के अलीपुर हट्टा को गोद लिया है पासवान ने
हाजीपुर : गांव में एक जगह खुलेआम ताड़ी बिकती नजर आती है, और लोग भी बेखौफ होकर ताड़ी पीते दिखते हैं. इन गुमटियों के पास में रहने वाले संजय इस मामले को लेकर थाने में एफआइआर करा चुके हैं कि यहां जुआ चलता है, और गांव और बाहर के लोग आकर गाली गलौज करते हैं. हंगामा करते हैं, जिससे लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. विरोध करने पर ये लोग जान से मारने की धमकी देते हैं. पुलिस पूछताछ करके चली गयी है, उसने संजय को ही एडजस्ट करके चलने की सलाह दे डाली है.
अकबर मलाही गांव में बढई जाति के कई परिवार हैं. संभवतः यह बिहार का इकलौता ऐसा गांव है, जहां ग्रामीण उद्योग के तौर पर लोग छड़ी बनाते हैं. यहां की बनी हुई छड़ी देश के कई इलाकों में जाती है. मगर संसाधनों के अभाव में ये लोग काम आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं. छड़ी उद्योग चलाने वाले अजय शर्मा कहते हैं कि गांव के 15 घरों में पिछले कई दशकों से यह उद्योग चल रहा है.
तकरीबन 50 परिवारों की रोजी-रोटी इस कारोबार से चलती है. जब इस गांव को गोद लिया गया था तो पासवान जी ने वादा किया था कि सभी कारोबारियों का को-ऑपरेटिव बनाकर उन्हें लोन दिलाया जायेगा और एक सामूहिक आरा मिल की स्थापना भी की जायेगी. उस वक्त कुछ गतिविधियां जरूर हुईं, लोगों से फार्म पर साइन भी कराये गये. मगर इसका कोई नतीजा नहीं निकला. वही हाल फूल की खेती करने वाले किसानों का हुआ, उन्हें भी समूह बनाकर लोन दिलाने का वादा किया गया था,
मगर उसका नतीजा भी सिफर रहा.पंचायत में दो जले हुए ट्रांसफार्मरों को जरूर बदला गया, कुछ जर्जर तारों को भी बदला गया. पंचायत के एक गांव सेमोपुर में मिनी पाइप वाटर सप्लाई यूनिट की स्थापना भी हुई. मगर इससे सिर्फ उसी गांव के आधे निवासियों को भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो पाया. एक प्राथमिक विद्यालय का भवन बना. एक स्कूल में शिक्षक की तैनाती हुई. मगर ये सब छोटे-छोटे काम थे. लोगों को उम्मीद थी कि गांव की तमाम सड़कें चलने लायक हो जायेंगी, हर घर में पाइप वाला पानी पहुंचेगा.
पंचायत के अस्पतालों को भवन मिलेगा और वहां काम शुरू होगा. लोगों को रोजगार के लिए लोन मिलेगा. गांव की तसवीर बदल जायेगी. मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. लोजपा से जुड़े गांव के सामाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश नकुल 22 जून को अपनी फेसबुक वॉल पर गांव की बदहाल सड़क की तसवीर पोस्ट करते हुए सांसद आदर्श ग्राम योजना के औचित्य पर सवाल उठाते हैं. वे कहते हैं कि उन लोगों ने बड़ी उम्मीद से रामविलास पासवान से इस गांव को गोद लेने का अनुरोध किया था. पासवान जी अपने क्षेत्र के विकास के मामले में बेहतरीन ट्रैक रिकार्ड रखते हैं.
उन्हें और गांव के लोगों को उम्मीद थी कि पासवान जी के साथ नाम जुड़ने की वजह से गांव की कई समस्याओं का समाधान हो जायेगा. केंद्रीय मंत्री की तरफ से भी उस वक्त सकारात्मक सहयोग मिला था. मगर आज ढाई साल बीत जाने के बावजूद इनमें से एक तिहाई काम भी जमीन पर ठीक से नही उतरा है. सांसद आदर्श ग्राम योजना की मूल भावना थी कि इस योजना से गरीबी का उन्मूलन हो, सामाजिक न्याय और स्वच्छता की भावना स्थापित हो, लोगों को रोजगार मिले, और गांव का सर्वांगीन विकास हो. मगर हालात यह हैं कि दलित बहुल इस पंचायत में दलितों के पांच फीसदी घरों में भी शौचालय नहीं हैं.
इस बात की पुष्टि मुखिया आमोद कुमार पासवान करते हैं. वे कहते हैं कि कुछ परिवारों ने प्रोत्साहन राशि के लालच में जरूर शौचालय बनवा लिये हैं. मगर उन्हें प्रोत्साहन राशि आजतक नहीं मिली. नतीजा आज भी ज्यादातर लोग खुले में शौच करते हैं. इस बीच रामविलास पासवान द्वारा एक अन्य गांव महनार के अलीपुर हट्टा को गोद लेने की बात यहां पहुंच गयी है. इस बात से अकबर मलाही में निराशा का माहौल है. उन्हें लगने लगा है कि अब तक जो थोड़ा सा अटेंशन मंत्री महोदय का इस गांव के प्रति था वह भी नहीं रहेगा.
(इनपुट- सराय से नवीन कुमार सिंह)
आदर्श गांव अकबर मलाही का रिपोर्ट कार्डसांसद महोदय का वादा और हकीकत
चार महीने में स्वास्थ्य उपकेंद्र भवनशिलान्यास हुआ काम नही
एक साल में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रकाम नहीं हुआ
मिनी पाइप वाटर सप्लाई यूनिटसिर्फ एक गांव की आधे लोगों को सुविधा
प्राथमिक विद्यालय, अकबरपुर मलाही का भवनबन गया
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सड़क एनएच 77 से स्टेशन होते हुए भूपेन कपाड़िया के घर तकनहीं बनी
सड़क अम्बेडकर चौक से बिड़ई पंचायत के सीमा तकनहीं बनी
दो ट्रांसफार्मर बदलना काम हो गया
क्षतिग्रस्त तार को बदलनाकाम आंशिक रूप से हुआ
छड़ी उद्योग और फूल की खेती करने वालों को ऋण उपलब्ध करानासिर्फ फार्म भरवाये, काम नहीं हुआ