5.5 किमी का सफर पांच घंटे में
5.548 किलोमीटर सेतु पार करने में वाहनों को लगे तीन से चार घंटे दोपहर से जाम लगने का सिलसिला बदस्तूर जारी हाजीपुर : दिन शुक्रवार. समय शाम 5:30 बजे. स्थान उत्तर बिहार का लाइफ लाइन कहा जाने वाला महात्मा गांधी सेतु का टोल प्लाजा. यहां से शुरू होती है वाहनों की ‘दांडी यात्रा’. पैदल चले […]
5.548 किलोमीटर सेतु पार करने में वाहनों को लगे तीन से चार घंटे
दोपहर से जाम लगने का सिलसिला बदस्तूर जारी
हाजीपुर : दिन शुक्रवार. समय शाम 5:30 बजे. स्थान उत्तर बिहार का लाइफ लाइन कहा जाने वाला महात्मा गांधी सेतु का टोल प्लाजा. यहां से शुरू होती है वाहनों की ‘दांडी यात्रा’. पैदल चले तो घंटेभर में सेतु के दूसरे छोर पटना के गायघाट पहुंच जायेंगे पर गाड़ी से चले तो तीन से चार घंटे में भी 15 मिनट का फासला तय करने की गारंटी नहीं. टोल प्लाजा से आगे महज कुछ दूरी पर स्थित है गंगाब्रिज थाना. होमगार्ड का एक जवान सादे लिबास में डिवाइडर पर खड़ा होकर जाम में फंसे वाहनों का मुआयना कर रहा है. पूर्वी लेन पर वाहन कछुएं की चाल में बढ़ रहे हैं. अन्य जवान अंदर चौकी पर बैठे आराम फरमा रहे है. इसी बीच थाने पर पहुंचती है उजले रंग की एक जीपसी वाहन. वाहन का गेट नहीं खुल रहा है. एक पुलिसकर्मी का प्रयास विफल, फिर चालक आकर गेट खोलता है. वाहन से उतरते है, सेतु पर यातायात को सुचारू रखने के लिए पदस्थापित ट्रैफिक डीएसपी सुनील कुमार.
प्रभात खबर के संवाददाता से वे रु-ब-रू होते हैं. फिर थाने के सामने पश्चिमी लेन के किनारे खड़े होकर जाम में फंसे वाहनों की लंबी कतारें को देख झल्ला जाते है. इशारा करते हुए कहते है, उनकी जीप भी जाम में फंस गयी थी. सेतु पर जाम में फंसे वाहनों को आगे बढ़ाने के लिए बाइक से सेतु पर जाना पड़ा. आगे हाजीपुर साइड का पाया संख्या एक के समीप दोनों लेन में वाहने खड़े हैं. पाया संख्या एक से बारह के बीच पुल निर्माण एजेंसी द्वारा पश्चिमी लेन की घेराबंदी कर दी गयी है. इन पायों के बीच वनवे ट्रैफिक की व्यवस्था है. पूर्वी लेन से ही वाहनों की आवाजाही की व्यवस्था है. एक वाहन खराब होकर खड़ी है. दोनों लेन पर परिचालन बंद है.
सेतु के पाया संख्या 18 और 24 के समीप दो वाहन ब्रेक डाउन होकर खड़ा है. पुलिस के जवान क्रेन के आने का इंतजार कर रहे है. जाम में फंसे अन्य वाहनों पर सवार लोग अपने-अपने वाहनों से उतरकर सेतु के नीचे का नजारा ले रहे हैं. जिन्हें जल्दी अपने गंतव्य स्थान के लिए जाना है, वे फूटपाथ से होकर पैदल सेतु पार कर रहे है. बाइक चालक भी जान जोखिम में डालकर फुटपाथ से ही आगे बढ़ रहे है.
कमोबेश यहीं स्थिति सेतु के दक्षिणी छोर पर बनी हुई है. गायघाट स्थित पुलिस चेक पोस्ट का कंट्रोल रुम के अंदर पुलिसकर्मी बैठे हुए है. यहां से लेकर घनुकी मोड़ तक छोटे-बड़े वाहन आड़े-तीरछे खड़े है. यातायात नियमों की घड़ल्ले से धज्जियां उड़ायी जा रही है. बेलगाम वाहन चालकों को कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है. आगे निकलने की होड़ मची है. दो बड़े वाहनों के बीच बाइक चालक बमुश्किल निकल जा रहे है. हाजीपुर से पटना तक सेतु पर वाहनों की लंबी कतारें लगी है. हालांकि कुछ अंतराल के बाद जाम में फंसे वाहन ‘ दांडी यात्रा ‘ की तर्ज पर आगे बढ़ते है और कुछ दूरी तय करने के बाद फिर जाम टूटने का इंतजार करने लगते हैं.
क्या कहते हैं पुलिस पदाधिकारी
सेतु पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है. बोलबम जाने वाले कांवरियों के वाहन और बालू लदे वाहनों की आवाजाही बढ़ गयी है. शुक्रवार को सुबह में स्थिति ठिीक-ठाक थी. दोपहर में पहले पाया संख्या एक, इसके बाद चार और फिर आठ के समीप वाहन खराब हो गये थे. जिसके कारण जाम लगने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह गहराता चला गया और शाम में सेतु पर जाम की स्थिति भयावह हो गयी. वाहनों को आगे निकालने के लिए पुलिसकर्मी मशक्कत कर रहे है.
सुनील कुमार, ट्रैफिक डीएसपी, गांधी सेतु