शहर में नहीं हुआ अब तक वेंडिंग जोन का निर्माण

हाजीपुर : शहर में वेंडिंग जोन के निर्माण की योजना अधर में पड़ी हुई है. वेंडिंग जोन का निर्माण नहीं होने से अतिक्रमण और जाम की समस्या बदस्तूर बनी हुई है. नगर पर्षद द्वारा पिछले पांच वर्षों से वेंडिंग जोन बनाने की बात कही जा रही है, लेकिन इस दिशा में प्रगति अभी तक शून्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 3:34 AM

हाजीपुर : शहर में वेंडिंग जोन के निर्माण की योजना अधर में पड़ी हुई है. वेंडिंग जोन का निर्माण नहीं होने से अतिक्रमण और जाम की समस्या बदस्तूर बनी हुई है. नगर पर्षद द्वारा पिछले पांच वर्षों से वेंडिंग जोन बनाने की बात कही जा रही है, लेकिन इस दिशा में प्रगति अभी तक शून्य है. वेंडिंग जोन नहीं बनने का नतीजा है कि लाख प्रयास के बाद भी शहर को अतिक्रमण और जाम जैसे लाइलाज मर्ज से मुक्ति नहीं मिल रही.

प्रशासन की ओर से भले ही समय-समय पर अतिक्रमण हटाओं अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलता. अभियान के दौरान वेंडरों और फुटपाथ दुकानदारों को तत्काल तो हटा दिया जाता है, लेकिन दो-तीन दिनों के अंदर ही फुटपाथ दुकानदार उस स्थान पर फिर से काबिज हो जाते हैं. इस तरह, चंद दिनों की सुधार के बाद स्थिति फिर जस की तस हो जाती है.

लोगों का कहना है और अनुभव भी बताता है कि इस समस्या का समाधान सिर्फ अतिक्रमण हटाओं अभियान नहीं, बल्कि वेंडर्स जोन का निर्माण है.
विभागीय लापरवाही से लटका है मामला
नगर पर्षद द्वारा शहर के गांधी चौक से कोनहारा घाट रोड में वैशाली महिला कॉलेज के सामने खाली जमीन पर और पुराने गंडक पुल रोड में जौहरी बाजार के निकट वेंडिंग जोन बनाने की योजना है. लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण यह योजना अभी तक अधर में लटकी हुई है. पांच साल पहले ही वेंडिंग जोन के निर्माण को लेकर पर्षद द्वारा पीडब्ल्यूडी को अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए लिखा गया.
चूंकि जमीन पीडब्ल्यूडी के अधीन है, इसलिए विभाग की स्वीकृति आवश्यक है. रेलवे की भी जमीन है, जिसके लिए रेल विभाग का एनओसी जरूरी है. नगर पर्षद के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कई बार रिमाइंडर देने के बावजूद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं. नगर में इन दोनों स्थानों के अलावा कुछ अन्य जगहों को भी वेंडिंग जोन बनाने के लिए चिह्रित किया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में वेंडर्स जोन के निर्माण को लेकर नगर पर्षद प्रयत्नशील है. रेलवे के अधिकारी से भी बात की गयी है. इधर नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा नासवी के माध्यम से वेंडरों का सर्वेक्षण कराया गया है. सर्वेक्षण के बाद सभी वेंडरों को पहचान पत्र उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है. ताकि पहचान पत्र के आधार पर वेंडरों को जगह दी जा सके.
सिद्धार्थ हर्ष वर्द्धन, नगर कार्यपालक पदाधिकारी

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