दुर्गंध के बीच जीवन बसर कर रहे शहरवासी
हाजीपुर : जहां-तहां कूड़े-कचरे का अंबार और सड़कों पर बेतरतीब ढंग से पसरी गंदगी. यह हाजीपुर नगर क्षेत्र की तस्वीर है. लगभग दो लाख की आबादी वाला यह शहर साफ-सफाई के मामले में बुरी स्थिति में है. जाहिर है कि स्वच्छता के मामले में नगर पर्षद नगरवासियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा. […]
हाजीपुर : जहां-तहां कूड़े-कचरे का अंबार और सड़कों पर बेतरतीब ढंग से पसरी गंदगी. यह हाजीपुर नगर क्षेत्र की तस्वीर है. लगभग दो लाख की आबादी वाला यह शहर साफ-सफाई के मामले में बुरी स्थिति में है. जाहिर है कि स्वच्छता के मामले में नगर पर्षद नगरवासियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा. सबसे बुरा हाल तो शहर की घनी आबादी वाले भीतरी मोहल्लों का है, जहां के लोग कचरे के ढेर, सड़ांध और बदबू के बीच जीवन बसर करने को बाध्य हैं. जिस नगर पर्षद पर स्वच्छ भारत अभियान को हाजीपुर में धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी है, वह अभी तक कचरा प्रबंधन की समस्या का समाधान नहीं कर पाया है.
वार्डों में कूड़ेदान नहीं, यत्र-तत्र फेंके जा रहे कचरे : नगर क्षेत्र की स्थिति है कि यहां किसी भी मोहल्ले में पर्याप्त मात्रा में कूड़ेदान उपलब्ध नहीं हैं. कई-कई मोहल्लों में तो कूड़ेदान हैं ही नहीं. इसका नतीजा है कि जहां-तहां कूड़े-कचरे फेंक जा रहे हैं. कूड़े-कचरे का नियमित रूप से उठाव नहीं होने के कारण प्राय: मोहल्लों में साफई की स्थिति बदतर है. पिछले कई साल से नगर पर्षद कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर दो स्वयंसेवी संस्थाओं से सफाई का कार्य करवा रहा है. लाखों-लाख खर्च करने के बाद भी सफाई व्यवस्था कारगर नहीं हुई.
खटाई में पड़ी है कचरा प्रबंधन की योजना : नगर पर्षद द्वारा बनायी गयी कचरा प्रबंधन की योजना वर्षों से अधर में है. जमीन के अभाव के नाम पर यह अभी तक आकार नहीं ले पायी. मालूम हो कि नगर क्षेत्र के कचरे को संग्रहित करने के लिए दो से ढाई बीघे जमीन लेने का नगर पर्षद ने निर्णय लिया था. इस जमीन पर कचरा ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की नगर पर्षद की योजना है.
इस प्लांट में कचरे से खाद तैयार की जानी है. शहर के 10-12 किलोमीटर के दायरे में एक बड़े भू-खंड की व्यवस्था की जानी है, यहां कचरा प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके. नगर कार्यपालक पदाधिकारी ने इस मामले में जानकारी दी कि कचरा प्रबंधन के लिए सरकार जमीन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है.
पिछले दिनों हुई जिला प्रशासन की पर्यावरण संबंधी बैठक में जमीन की समस्या सामने लाने पर जिलाधिकारी रचना पाटील ने उपविकास आयुक्त को जमीन उपलब्ध कराने को कहा था. डीडीसी ने शीघ्र ही भूमि की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई.