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शहर में साफ-सफाई का हाल बेहाल

अनदेखी. 18 से बढ़कर वार्ड हो गये 39, सफाई कर्मी घट कर हो गये आधे हाजीपुर : नगर में साफ-सफाई की स्थिति बुरी है. छठ पर्व के समय से ही नगर के विभिन्न हिस्सों में कूड़े-कचरे का अंबार लगा है. साफ-सफाई की लचर व्यवस्था को लेकर नगरवासियों में नगर पर्षद के प्रति नाराजगी देखी जा […]

अनदेखी. 18 से बढ़कर वार्ड हो गये 39, सफाई कर्मी घट कर हो गये आधे

हाजीपुर : नगर में साफ-सफाई की स्थिति बुरी है. छठ पर्व के समय से ही नगर के विभिन्न हिस्सों में कूड़े-कचरे का अंबार लगा है. साफ-सफाई की लचर व्यवस्था को लेकर नगरवासियों में नगर पर्षद के प्रति नाराजगी देखी जा रही है. आंतरिक संसाधनों की भारी कमी झेल रहा नगर पर्षद नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों निभाने में नाकाम साबित हो रहा है. कर्मियों के अभाव में नगर की साफ-सफाई से लेकर विकास के अन्य कार्य बाधित हो रहे हैं. सड़क, नाला, पेयजल और सफाई जैसी बुनियादी समस्याओं से नागरिकों को निजात नहीं मिल पा रही. नतीजतन, लोगों के अंदर अपने प्रतिनिधि और नगर पर्षद के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है.
कर्मियों की संख्या 230 से घट कर 98 हो गयी : लगभग 50 साल पहले से ही नगर पर्षद में विभिन्न कोटि के कर्मचारियों के 230 पद स्वीकृत हैं. इन 50 वर्षों में नगर क्षेत्र की आबादी में तिगुनी वृद्धि हुई है. न सिर्फ नगर क्षेत्र का दायरा बढ़ा है, बल्कि वार्डों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. तब हाजीपुर नगरपालिका में कुल 18 वार्ड थे. आज वार्डों की संख्या 39 है. इस लिहाज से मौजूदा परिस्थिति में नगर पर्षद को कम से कम 500 कर्मियों की आवश्यकता है, पर वर्तमान में इसके कर्मियों की संख्या 100 के करीब है.
आबादी बढ़ी तिगुनी, सफाईकर्मी घट कर हुए आधे : नगर पर्षद के पास सफाई कर्मियों का घोर अभाव है. जब नगर क्षेत्र की आबादी 60 हजार के करीब थी, तब नगरपालिका में सफाई कर्मियों की तादाद 150 से अधिक थी. आज क्षेत्र की आबादी 1 लाख 90 हजार के करीब है, जबकि नगर पर्षद में सफाई कर्मियों की संख्या घटकर 71 रह गयी है. सफाई कर्मचारियों के अभाव में नगर पर्षद ने सफाई कार्य का जिम्मा एनजीओ को सौंप रखा है. पर्षद चाहे जो दावा करे, लेकिन नगर का एक भी वार्ड ऐसा नहीं, जहां साफ-सफाई की स्थिति संतोषजनक हो. लोगों का कहना है कि उधर सफाई के नाम पर नगर पर्षद लाखों रुपये खर्च कर रहा है और इधर नागरिकों को गंदगी व यत्र-तत्र पसरे कूड़े-कचरे के बीच जीवन बसर करना पड़ा रहा है.
नाले के अभाव में सड़कों पर होता है जल जमाव : नगर के ज्यादातर मुहल्लों में अभी तक नाले का निर्माण नहीं हो सका है. इसके चलते वहां से पानी निकलना संभव नहीं हो पाता. नाले के अभाव में नगर के दर्जनों मुहल्लों में सड़कों पर ही पानी बहता रहता है. शहर के पोखरा मोहल्ला, रामजीवन चौक, शाही कॉलोनी, वीर कुंवर सिंह कॉलोनी, बागमली समेत अन्य इलाकों में सड़कों पर जल जमाव के कारण लोगों का पैदल चलना मुश्किल होता है. इन इलाकों के परेशान हाल लोग कहते हैं कि नगर पर्षद को प्राथमिकता के आधार पर नाला निर्माण का काम करना चाहिए.
प्रयास किया जा रहा
नगर पर्षद पहले से ही कर्मियों का अभाव झेल रहा है. आंतरिक संसाधन की कमी के बावजूद नगरवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा हैं. साफ-सफाई की स्थिति पहले से बेहतर हुई है. शहर को स्वच्छ रखना हमारी प्राथमिकता में शामिल है.
सिद्धार्थ हर्षवर्द्धन, नगर कार्यपालक पदाधिकारी

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