वैशाली : बिहार में इन दिनों कई तरह के घोटालों को लेकर चर्चा चल रही है, सृजन और शौचालय घोटाले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसी बीच तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि आजकल बिहार की हर सुबह एक घोटाले के साथ शुरू होती है. इसी क्रम में वैशाली जिले से एक चौकाने वाली घटना सामने आयी है. प्रखंड क्षेत्र की अमृतपुर पंचायत में सड़क बनाने के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. प्रखंड की आदर्श पंचायत अमृतपुर में सरकारी मुलाजिमों और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर 7 सड़कों को बिना बनाये ही कागजों पर काम पूरा दिखाकर 41 लाख 33 हजार 500 (इकतालीस लाख तेतीस हजार पांच सौ ) रुपये की निकासी कर ली गयी. घोटाले का पर्दाफाश करते हुए वैशाली प्रखंड के पश्चिमी मंडल के अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह उर्फ कन्हाई सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, वित्तमंत्री ,पंचायती राज्य मंत्री समेत जिला प्रशासन को आवेदन देकर जांच करने व दोषियों पर कारवाई करने की मांग की है.
मामला वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2014-15 का
मामला वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2014-15 का है जब अमृतपुर पंचायत में विकास की बागडोर दलित समाज से आने वाले युवा मुखिया सिकंदर पासवान और दलित समाज से ही आने वाले पंचायत सचिव सकलदीप पासवान के हाथों में था. ऐसे में खासकर दलित समाज की उम्मीदें विकास को लेकर काफी बढ़ गयी थीं. मगर उम्मीदों पर तब पानी फिर गया, जब यह मालूम चला कि दोनों ने मिलकर दलित बस्ती के विकास के नाम पर लाखों रुपये की सरकारी राशि का गबन कर लिया. दरअसल उक्त पंचायत के निवर्तमान मुखिया सिकंदर पासवान के अपने ही गांव अमृतपुर के दलित टोले की एक सड़क, जो महावीर पासवान के घर से पंचायत भवन तक जाती है, काफी जर्जर हो चुकी थी, जिसे बनाने के नाम पर जो खेल हुआ, वह चौंकाने वाला था.
कागज पर किया निर्माण
उक्त सड़क पर 2013-14 में तीन योजनाओं से 13 लाख, 21 हजार, 400 रुपयों की निकासी की गयी थी, जिसमें एक ही वित्तीय वर्ष में एक ही सड़क पर पीसीसी, मिट्टी भराई और सोलिंग तीनों तरह का कार्य पूर्ण दिखा कर निकासी कर ली गयी. वहीं, उच्च विद्यालय हुसेना से उत्तर उक्त गांव के ही गणेश सिंह के घर तक जानेवाली सड़क को वर्ष 2014-15 में बिना पीसीसी किये ही कागजों पर कार्य पूर्ण दिखा कर पैसे की निकासी कर ली. जहां वर्तमान में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कराया जा रहा है. इस तरह कई सड़कें हैं, जहां बगैर निर्माण कराये ही पैसों की बंदर बाट कर ली गयी है. उनमें हुसेना राघव मठ से हुसेना राघव पीसीसी ढलाई, गणेश पंडित के घर से रमेश साह के बथान तक पीसीसी ढलाई, शिवजी सिंह के घर से बाल्मीकि सिंह के घर तक पीसीसी ढलाई, अनिल कुमार चौधरी के घर से हरिनंदन साह के बथान तक पीसीसी ढलाई आदि शामिल है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
सड़क निर्माण के नाम पर निवर्तमान मुखिया और पंचायत सचिव ने सरकारी पैसे का गबन किया है. इसकी पंचायत व आसपास के क्षेत्रों में लोगों के बीच चर्चा भी हो रही है .यदि इस संबंध में पंचायत के संबंधित कार्यों की जांच सरकार कराती है, तो सड़क बनाने, कुआं बनवाने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, चापाकल गाड़ने आदि मदों को मिलाकर करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हो सकेगा.
अशोक राय, ग्रामीण, अमृतपुर पंचायत
क्या कहते हैं वर्तमान मुखिया
पूर्व मुखिया एवं पूर्व पंचायत सचिव ने बड़े पैमाने पर सरकारी योजनाओं में हेराफेरी की है. ऐसे में पंचायत का विकास कार्य करने में काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है.
बबीता कुमारी, वर्तमान मुखिया
क्या कहते हैं वर्तमान पंचायत सचिव
हमने उन सभी 14 सड़कों का अवलोकन किया है, जिससे पता चला कि धरातल पर काम शून्य है, मगर राशि की पूरी निकासी कर ली गयी है. इस बात की जानकारी जहां आवेदक ने आवेदन के जरिये संबंधित विभाग को दी है, वहीं हमने भी अपने वरीय अधिकारी को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है.
अनिल कुमार ठाकुर, वर्तमान पंचायत सचिव
क्या कहते हैं सीओ सह प्रभारी बीडीओ
मामले को लेकर आवेदन कार्यालय को प्राप्त हो चुका है, इसकी जांच कल्याण पदाधिकारी को सौंप दी गयी है. जांच रिपार्ट आने के बाद ही कोई अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
सुनील कुमार मल्ल, अंचलाधिकारी सह प्रभारी बीडीओ, वैशाली प्रखंड
यह भी पढ़ें-
लालू का ‘पद्मावती’ के विरोधियों को समर्थन के मायने, कभी – भंसाली को तेजस्वी ने दिया था यह ऑफर, जानें