इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं होने से निराशा
प्रतिक्रिया. आम बजट को किसी ने सराहा तो किसी ने जन विरोधी बताया हाजीपुर : किसी ने आम बजट को सराहा, तो किसी ने इसे जन विरोधी बताया. केंद्र सरकार के आम बजट पर नगर में लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही. गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जब संसद में वर्ष 2018 […]
प्रतिक्रिया. आम बजट को किसी ने सराहा तो किसी ने जन विरोधी बताया
हाजीपुर : किसी ने आम बजट को सराहा, तो किसी ने इसे जन विरोधी बताया. केंद्र सरकार के आम बजट पर नगर में लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही. गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जब संसद में वर्ष 2018 का आम बजट पेश किया, तो इधर शहर में इस पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से लेकर न्यायालय, समाहरणालय परिसरों, सरकारी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर दिन भर बजट पर चर्चा होती रही. बुद्धिजीवियों,
व्यवसायियों और युवाओं ने अपने-अपने नजरिये से बजट के गुण-दोषों पर चर्चा की. महिलाओं ने भी बेबाकी से अपनी बातें रखी. बजट की खूबियां गिनाते हुए जहां एक तरफ लोगों ने इसे आम जन के हित में बेहतरीन बजट बताया, वहीं दूसरी ओर बजट को लोक लुभावन और गरीब व मध्यम वर्ग विरोधी बताते हुए लोगों ने कहा कि इससे आम जन को कोई लाभ नहीं मिलने वाला.
बजट का समर्थन करने वालों का कहना था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट में सभी वर्गों के हितों का ख्याल रखा है. खासकर किसानों और ग्रामीण आबादी की बेहतरी पर फोकस किया गया है. बजट से न सिर्फ आर्थिक समृद्धि आयेगी, बल्कि गरीबों को भी बड़ी राहत मिलेगी. वहीं बजट को जन विरोधी बताने वालों का कहना था कि आम जनता के जीवन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने से सरकारी कर्मचारियों और मध्य वर्ग को घोर निराशा हुई है.
ऊपर से सेस बढ़ाकर लोगों पर और अधिक भार डाल दिया गया है. कई गृहणियों ने महंगाई का जिक्र करते हुए बजट पर अपनी नाराजगी जतायी. इन महिलाओं का कहना था कि बजट में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा, जिससे रसोई घर के सामान सस्ते होने का भरोसा जगे. कुल मिलाकर बजट में कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती व विकास के लिए किये गये प्रावधानों की सराहना की गयी. जबकि रोजगार सृजन एवं आम आदमी को राहत के मामले में बजट को निराशाजनक बताया गया.
बजट से किसानों व गरीबों को होगा फायदा : मणिंद्रनाथ
महनार. केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट को महनार भाजपा व जदयू के नेताओं ने देश के गरीबों एवं किसानों की प्रगति और विकासोन्मुखी बजट बताया है. भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सह जिला पार्षद मणिंद्र नाथ सिंह ने केंद्र की एनडीए सरकार के बजट की सराहना करते हुए कहा कि बजट से गांव, गरीब और किसान को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि बजट में सरकार ने गरीबों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना का जो तोहफा दिया है, वह काफी प्रशंसनीय है. उन्होंने कहा बजट से किसानों की आमदनी दुगुनी करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा.
हाजीपुर. केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा संसद में पेश आम बजट को जनता दल यूनाईटेड ने रोजगारोन्मुख तथा किसानों और गरीबों के लिए हितकारी बताया है. पार्टी जिलाध्यक्ष रविन कुमार सिन्हा, देव कुमार चौरसिया, अरविंद कुमार राय, राधेश्याम मिर्जापुरी, हरिहर सहनी, महेंद्र राम, रामजी सिंह, अजित किशोर नारायण, उमेशचंद्र कप्तान, नागेंद्र प्रसाद सिंह, दिलीप कुमार सिंह, मनोज पटेल, राजकुमार चौधरी राजू, प्रो चंद्रभूषण सिंह शशि, सिद्धार्थ पटेल, पंकज पटेल, संतोष कानन, सुभाषचंद्र सिंह, अशर्फी सिंह कुशवाहा, मनोज कुमार निराला, योगेंद्र विश्वकर्मा, घुरन राय, सोनू चौरसिया, प्रिंस शर्मा, मनोज कुमार पांडेय, मो. फिरदौस आलम, आप्तमान अभय, विजय कुमार श्रीवास्तव, अमरेंद्र साह, संजय गिरि, अशोक कुमार चौधरी, सुरेंद्र पासवान शास्त्री, शिव नारायण सिंह, रीता ठाकुर, डॉ रमन कुमार, सुनील गुप्ता, उपेंद्र पटेल, कमलदेव सिंह आदि ने इस आम बजट का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार को बधाई दी है.
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री
बजट में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों की तरक्की पर फोकस किया गया है. किसानों के हितों पर जोर दिया गया है. शिक्षा के क्षेत्र में भी सराहनीय कदम उठाये गये हैं. बजट में नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक एक शिक्षा नीति की बात कही गयी है. यदि यह धरातल पर लागू हो पाये, तो इससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है. सभी को समान शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. इसी तरह स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का फैसला भी स्वागत योग्य है. हालांकि रोजगार सृजन के दृष्टिकोण से यह बजट प्रभावकारी नहीं है. सबसे निराशाजनक बात यह है कि प्रथम पंचवर्षीय योजना से लेकर अभी तक पिछले बजट की समीक्षा कभी नहीं की जाती. भारत का बजट ज्यादातर सैद्धांतिक ही रह जाता है, यह व्यावहारिक नहीं बन पाता. इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
डॉ. दामोदर प्रसाद सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग, आरएन कॉलेज, हाजीपुर
-एक बार फिर आम बजट ने आम आदमी को निराश किया है. बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे आम जन को अच्छे दिन आने का एहसास हो सके. अच्छे दिन लाने का वादा करके नरेंद्र मोदी सत्ता में आये, लेकिन जनता को आज भी अच्छे दिनों का इंतजार है. इस बार का बजट भी मुट्ठी भर संपन्न वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. बजट से आम जन को बेहतरी की कोई उम्मीद नहीं दिखती.
रामानंद गुप्ता, उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता, वैशाली चेंबर ऑफ कॉमर्स
बजट का सकारात्मक पक्ष यह है कि इसमें किसानों के हित का ख्याल रखा गया है. कृषि उत्पादन का लागत मूल्य बढ़ाने की घोषणा किसानों को राहत देने वाली है. दूसरी ओर बजट में कर्मचारियों के लिए कुछ भी नहीं है. इनकम टैक्स का कोई स्लैब नहीं बढ़ने से कर्मचारियों और मध्यम आय वाले लोगों को इस बजट से कुछ भी हासिल नहीं हुआ. कुल मिलाकर यह बजट आम जन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला है.
भोलानाथ ठाकुर, सचिव, गांधी स्मारक पुस्तकालय, हाजीपुर
बजट में लोक लुभावन बातें हैं. गरीबी दूर करने और महंगाई पर नियंत्रण का कोई उपाय या रास्ता बजट में दिखायी नहीं पड़ता. आम आदमी रोजमर्रे की जिन समस्याओं से परेशान है, उससे निजात दिलाने की उम्मीद जगाने में यह बजट बुरी तरह विफल मालूम पड़ता है. बजट में रोजगार का कोई अवसर नहीं दिखने से खासकर युवाओं को निराशा हुई है. आगामी चुनाव को देखते हुए बजट को लोक लुभावन बनाने का प्रयास किया गया है.
वीपी सिंह पंक्षी, युवा रंगकर्मी, गांधी आश्रम, हाजीपुर
बजट काफी अच्छा है. किसान से लेकर व्यवसायी वर्ग तक में खुशी है. बजट में सभी का ख्याल रखा गया है. पिछले वर्षों में नोटबंदी और जीएसटी कानून लागू होने के बाद व्यसायिक क्षेत्र में जो मंदी आयी थी, इस बजट से एक बार फिर बाजार के सुधरने की उम्मीद जगी है. बजट में कृषि पर फोकस किया जाना देशहित में है. युवाओं के कौशल विकास पर भी जोर दिया गया है, जिससे रोजगार की संभावना जगेगी.
भानु प्रताप सिंह, इलेक्ट्रोनिक्स व्यवसायी, गांधी आश्रम, हाजीपुर
महंगाई बढ़ते जाने से पहले से परेशान लोगों को इस बजट से कोई खास लाभ नहीं हुआ. उम्मीद थी कि बजट में रसोई घर से संबंधित सामान के दाम घटेंगे, लेकिन निराशा हाथ लगी. प्याज की कीमत पहले से ही लोगों को रूला रही है. बजट में महंगाई रोकने और कम आय वाले लोगों को लाभ का कोई प्रावधान नहीं दिखायी पड़ता.
राजकुमारी पांडेय, गृहिणी, गांधी आश्रम, हाजीपुर
बजट में किसानों और ग्रामीण इलाके के विकास पर जोर दिया गया है. इससे ग्रामीण समाज की दशा में सुधार आने की उम्मीद है. बच्चों की शिक्षा के मामले में भी बजट में कई अच्छे प्रावधान किये गये हैं. नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को एक समान शिक्षा देने की बात स्वागत योग्य है. हालांकि महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने को लेकर बजट में कोई विशेष पहल नहीं दिखायी पड़ती.
संगीता गिरि, गृहिणी, गांधी आश्रम, हाजीपुर
आम बजट जनता के साथ मजाक है. स्वदेशी की बात करने वाले पीएम मोदी यह बातायें की आम जरूरत की चीजें महंगी क्यों हुई. न दवाओं की कीमत में रियायत, न बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान. स्पष्ट है कि वित्त मंत्री का यह आम बजट गरीबों के लिए आफत लाने वाला ही है. उम्मीद थी कि मोदी सरकार लोगों को टैक्स में राहत देगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
मंजू सिंह, समाजसेविका
भाजपा के महनार नगर के कार्यकारी अध्यक्ष इश्वरचंद्र सिन्हा, सहदेई बुजुर्ग प्रखंड भाजपा के अध्यक्ष सकेश कुमार सिंह, जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार मेहता, देसरी प्रखंड भाजपा अध्यक्ष सुजीत कुमार ठाकुर आदि ने भी बजट को सराहा.