दवा खाने से बीमार बच्चों के अभिभावकों ने किया हंगामा

बनियापुर : कृमि दिवस के अवसर पर एलबेंडाजोल नामक दवा खाने से एक दर्जन से ज्यादा स्कूली छात्र-छात्रा बीमार हो गये. मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय हंसराजपुर काला की है. बीमार पड़े बच्चों के परिजन शुक्रवार को विद्यालय पहुंच जमकर हो हंगामा करने लगे जिससे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. इस दौरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2018 1:37 AM

बनियापुर : कृमि दिवस के अवसर पर एलबेंडाजोल नामक दवा खाने से एक दर्जन से ज्यादा स्कूली छात्र-छात्रा बीमार हो गये. मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय हंसराजपुर काला की है. बीमार पड़े बच्चों के परिजन शुक्रवार को विद्यालय पहुंच जमकर हो हंगामा करने लगे जिससे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया.

इस दौरान घंटों पठन-पाठन बाधित रहा. सूचना पर स्थानीय रेफरल अस्पताल से चिकित्सकों की टीम बच्चों के इलाज के लिए विद्यालय पहुंच जैसे ही इलाज प्रारंभ किया. मौके पर उपस्थित लोगों ने बीमारी के कारणों को लेकर कई तरह के सवाल पूछने लगे. जिस पर चिकित्सक झल्ला गये. चिकित्सकों द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिये जाने से परिजन सहित ग्रामीण उग्र हो गये. ग्रामीण एवं चिकित्सक के बीच बहस भी हुई. स्थिति की भयावहता देख चिकित्सक बगैर इलाज किये ही फरार हो गये. सूचना पर थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ पहुंच आक्रोशित लोगों को समझा-बुझा कर इलाज के लिए राजी कराया.

मगर ग्रामीण इलाज के लिए बनियापुर रेफरल न जाकर पीएचसी जलालपुर में इलाज कराने की जिद पर अड़े रहे. इसके बाद सभी बीमार बच्चों को इलाज के लिए जलालपुर पीएचसी भेजा गया. जहां इलाज चल रहा है एवं स्थिति सामान्य बतायी जा रही है. दवा खाने के बाद छात्र-छात्रा वर्षा कुमारी, पूजा कुमारी, आकांक्षा कुमारी, विकेश कुमार,संजीत कुमार सहित एक दर्जन से ज्यादा बच्चों के परिजनों ने बताया कि गत 19 फरवरी को सभी ने एलबेंडाजोल की दवा खायी, जिसके बाद से बच्चे पेट दर्द, उलटी,दस्त,सर्दी,बुखार से अक्रांत हो गये. जिन्हें 21 फरवरी को इलाज हेतु रेफरल अस्पताल बनियापुर ले जाया गया.

जहां इलाज का कोरम पूरा कर सभी बच्चों को घर भेज दिया गया. जहां उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं होते देख आक्रोशित ग्रामीण विद्यालय पहुंच हो हंगामा करते हुए वरीय पदाधिकारी को बुलाने की मांग करने लगे. ग्रामीणों का आरोप था कि दवा को बच्चों के खिलाने के पहले ट्रायल करना चाहिए था.

क्या कहते हैं पदाधिकारी
एलबेंडाजोल दवा का साइड इफेक्ट दस घंटे के अंदर दिखने लगता है. जबकि सभी बच्चों को दो दिन बाद बीमार होने की बात बतायी जा रही है. बच्चे मौसम के उतार चढ़ाव एवं वायरल बुखार से ग्रसित थे. जिनका उचित इलाज चल रहा था. ग्रामीण आक्रोशित हो हंगामा करने लगे. बेबुनियाद आरोप लगा इलाज हेतु पीएचसी जलालपुर लेकर चले गये.
डॉ आरपी सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी , रेफरल अस्पताल

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