हंगामे की भेंट चढ़ी पंस की विशेष बैठक
महुआ : प्रखंड परिसर स्थित किसान भवन में शनिवार को बुलायी गयी पंचायत समिति सदस्यों की विशेष बैठक हंगामे की भेंट गयी. स्थायी समिति के गठन के विवाद को लेकर प्रमुख समर्थक और विरोधी दो गुटों में बंट गये. दोनों गुटों के सदस्यों के बीच पहले नोक-झोंक हुआ और फिर सदन में हंगामा शुरू हो […]
महुआ : प्रखंड परिसर स्थित किसान भवन में शनिवार को बुलायी गयी पंचायत समिति सदस्यों की विशेष बैठक हंगामे की भेंट गयी. स्थायी समिति के गठन के विवाद को लेकर प्रमुख समर्थक और विरोधी दो गुटों में बंट गये. दोनों गुटों के सदस्यों के बीच पहले नोक-झोंक हुआ और फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया.
स्थिति की नजाकत को भांपते हुए बीडीओ ने महुआ थाने की पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस आनन-फानन में सदन में पहुंची. पुलिस की उपस्थिति में भी दोनों गुट के सदस्य हंगामा करते रहे. इसके बाद प्रमुख ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दी और अपने समर्थक सदस्यों के साथ सदन से बाहर निकल गयी. इसके साथ ही बीडीओ भी सदन से बाहर निकल गये. जानकारी के अनुसार शनिवार को आयोजित विशेष बैठक में स्थायी समिति के पुनर्गठन, मिड-डे-मील में लूटखसोट, जन वितरण में धांधली,पंचम वित्त की राशि सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी थी. बैठक के प्रारंभ होते ही सदस्य अविनाश कुमार के प्रश्न पर सदन से प्रस्ताव मिलते ही पूर्व पीएम अटल बिहारी
वाजपेयी व जंदाहा के दिवंगत प्रमुख के प्रति शोक व्यक्त करते हुये सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा गया. इसके बाद प्रमुख सरस्वती देवी की अध्यक्षता तथा उपप्रमुख अवधेश राय के संचालन में जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुयी कि बैठक में उपस्थित प्रमुख समर्थक व विरोधी गुटों के सदस्यों ने स्थायी समिति की गठन के विवाद को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. जिसके कारण सदन में अफरा-तफरी मच गई. प्रमुख विरोधी गुट के सदस्य पूर्व में गठित की गई स्थायी समिति को भंग कर नई कमेटी के गठन करने की मांग कर रहे थे. वहीं प्रमुख समर्थक गुट के सदस्यों ने इसका विरोध किया और कहा कि समयानुकूल नई कमेटी का गठन किया जाएगा.
इसी बात को लेकर सदस्य मनीष कुमार, दिनेश पासवान, बसंत पासवान, रिमझिम कुमारी, विजय राय, सत्येंद्र सिंह, संजीत कुमार आदि आपस में नोक- झोंक करने लगे. जिसके कारण सदन में हंगामा शुरु हो गया. बीडीओ प्रभात रंजन ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिये बैठक में पुलिस को बुलाया. पुलिस के पहुंचने के बाद भी जब सदस्य नहीं माने, तब प्रमुख सदन को स्थगित करते हुये अपने समर्थकों के साथ सदन से बाहर निकल गयी. बैठक में बीएओ सुशील कुमार, डॉ रविशंकर विद्यार्थी, प्रमोद साह, विनोद राय, मनोज कुमार, नीलम सिंह, शंभू रजक के साथ अन्य लोग शामिल थे.
सदस्यों ने एक-दूसरे पर लगाया आरोप
सदन से बाहर निकलने पर प्रमुख ने सदन में विरोधी गुटों के सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार करने सहित कई प्रकार के गंभीर आरोप लगायी. उधर दूसरे गुटों के सदस्यों ने प्रमुख के दबाव में बीडीओ को सदन छोड़कर बाहर जाने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत डीएम से करने की जानकारी दी. प्रमुख के आरोप को राजनीतिक से प्रेरित बताते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.