हो सकती है कोई बड़ी घटना
हाजीपुर : स्टेशन मास्टर या अन्य रेलकर्मियों के साथ-साथ रेल पुलिस को यात्रियों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं है. यात्री जान जोखिम में डाल कर प्लेटफॉर्म से उतर कर रेल लाइन पर खड़ी ट्रेन पर चढ़ने के लिए खड़े हो जाते हैं. इसके लिए न कोई दिशा निर्देश ही दिया गया है और न […]
हाजीपुर : स्टेशन मास्टर या अन्य रेलकर्मियों के साथ-साथ रेल पुलिस को यात्रियों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं है. यात्री जान जोखिम में डाल कर प्लेटफॉर्म से उतर कर रेल लाइन पर खड़ी ट्रेन पर चढ़ने के लिए खड़े हो जाते हैं.
इसके लिए न कोई दिशा निर्देश ही दिया गया है और न इससे रेलवे कर्मचारियों को कोई मतलब है. ट्रेन आने की सूचना पर स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल हो जाता है. इससे लोग ट्रेन पकड़ने के लिए रेल लाइन पर ही खड़ा हो जाते हैं. थोड़ी -सी भी असावधानी से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. हाजीपुर जोनल मुख्यालय होने के कारण कई एक्सप्रेस एवं लोकल ट्रेनों का आवागमन इस स्टेशन से होता है.
ऐसे में जान जोखिम में डाल कर यात्रियों का रेलवे लाइन पर खड़ा रहना खतरे को आमंत्रण देना है. रेलवे स्टेशन की पूरी जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर की होती है. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए और उन्हें यात्रियों के इस कदम के लिए खास निर्देश जारी करना चाहिए. इसमें ध्वनि विस्तारक यंत्र की सहायता भी लेनी चाहिए. वैसे स्टेशन पर कार्यरत रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेल पुलिस के जवान भी तैनात रहते हैं.
लेकिन प्लेटफॉर्म से उतरते समय उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. स्लोगन व जागरूकता अभियान चला कर भी यात्रियों को प्लेटफॉर्म से नीचे उतरने से रोका जा सकता है. प्रदेश के अन्य सभी बड़े स्टेशनों पर इसके लिए खास हिदायत दिया जाता है. लेकिन मुख्यालय होने का दावा करने वाला हाजीपुर स्टेशन किसी बड़े हादसे के होने का इंतजार कर रहा है.