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वैशाली : फोरलेन से जुड़ेंगे बोधगया व वैशाली : सीएम नीतीश कुमार

वैशाली : वैशाली ऐतिहासिक भूमि है. गणतंत्र की जननी इस भूमि का संबंध भगवान बुद्ध और महावीर से है. इसी धरती से नारी सशक्तीकरण की आवाज बुलंद हुई थी. यही वह स्थान है, जहां भगवान बुद्ध ने महिलाओं को संघ में प्रवेश की अनुमति दी थी. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वैशाली […]

वैशाली : वैशाली ऐतिहासिक भूमि है. गणतंत्र की जननी इस भूमि का संबंध भगवान बुद्ध और महावीर से है. इसी धरती से नारी सशक्तीकरण की आवाज बुलंद हुई थी.
यही वह स्थान है, जहां भगवान बुद्ध ने महिलाओं को संघ में प्रवेश की अनुमति दी थी. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वैशाली में 315 करोड़ से बनने वाले बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्तूप का शिलान्यास करते हुए कहीं.
सीएम ने कहा कि जल्द ही बोधगया से वैशाली फोरलेन सड़क और बख्तियारपुर ताजपुर गंगा नदी पर बनने वाले पुल से भी जुड़ जायेगा.उन्होंने कहा कि वैसे तो भगवान बुद्ध का अस्थि अवशेष आठ जगहों से मिला था, लेकिन वास्तविक अस्थि अवशेष वैशाली में ही मिला था. बुद्ध के समय की विपश्यना विलीन हो रही है, यहां विपश्यना केंद्र भी बनाने का निर्देश दिया गया है. इसके निर्माण के बाद वैशाली कितने लोग आयेंगे, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
यहां विपश्यना केंद्र होने से बाहर से आनेवाले पर्यटक कम-से-कम 10 दिनों तक रुकेंगे. यह शांति की धरती है. इसका इस तरह से विकास किया जायेगा कि यहां हर कोई आना चाहेगा. राज्य में विकास कार्यों की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में लालटेन का युग खत्म हो चुका है. सात निश्चय योजना से हर घर नल का जल व बिजली से रोशन हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक अभिषेक पुष्करिणी के सूख जाने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें इसकी जानकारी मिली, जल संसाधन विभाग और कला संस्कृति विभाग की टीम को इसके निरीक्षण के लिए भेजा गया. इसकी एक मीटर और गहरी खुदाई के साथ पाइप लाइन के सहारे गंडक नदी का पानी यहां तक पहुंचाया जायेगा. पुष्करिणी के चारों कोनों पर सोलर पंप भी लगाये जायेंगे.
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संग्रहालय का निर्माण होते ही लोग सुलभ तरीके से यहां भगवान बुद्ध के अस्थिकलश का दर्शन कर सकेंगे. सभा की अध्यक्षता कला एवं संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने की.
इस अवसर पर भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, विधायक राजकिशोर सिंह, राजकुमार साह, उमेश कुशवाहा व अवधेश सिंह, कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई परमार, भवन निर्माण के प्रधान सचिव चंचल कुमार आदि मौजूद थे.
30 माह में तैयार होगा बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय
करीब 315 करोड़ की लागत से बननेवाले बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्तूप का निर्माण कार्य 30 माह में पूरा कर लिया जायेगा. इसका व्यास 131 फुट और ऊंचाई 128 फुट होगी. यह पूर्ण रूप से पीपल के पत्ते के आकार का दिखाई देगा. राजस्थान के धौलपुर बलुवा पत्थर से निर्मित इस स्तूप की आयु हजारों वर्ष की होगी.
यहां 1500 दर्शनार्थी एक साथ दर्शन कर सकेंगे. 72 एकड़ क्षेत्र में फैले इस स्तूप के परिसर में 19, 500 कुर्सी लगने की व्यवस्था होगी. चारों ओर एलिवेटेड पथ से सुसज्जित इस स्तूप की अगल-बगल में पांच बगीचे लगाये जायेंगे, जो वैशाली की विरासत को स्थापित करेंगे.

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