राष्ट्र व संस्कृति की रक्षा के लिए धर्म का संरक्षण जरूरी: स्वामी केशवानंद
पातेपुर : स्थानीय राम जानकी मंदिर परिसर में साधु संतों का तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन शुरू हुआ. भारत साधु समाज द्वारा आयोजित अधिवेशन का उद्घाटन शुक्रवार को संतों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री व द्वारिका पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी केशवानंद जी […]
पातेपुर : स्थानीय राम जानकी मंदिर परिसर में साधु संतों का तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन शुरू हुआ. भारत साधु समाज द्वारा आयोजित अधिवेशन का उद्घाटन शुक्रवार को संतों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री व द्वारिका पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी केशवानंद जी महाराज ने कहा कि धर्म न सिर्फ हमारी संस्कृति बल्कि संपूर्ण सृष्टि और मानव जाति की रक्षा करता है. जबकि साधु-संत धर्म की रक्षा करते हैं.
वहीं साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी मुक्तानंद जी महाराज ने धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि राजा धर्म विमुख हो जाये तो उसका राज ज्यादा दिनों तक सुरक्षित नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि धर्म मुक्त राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती.
संतों और मठ-मंदिरों की सुरक्षा पर बल :संत समागम को संबोधित करते हुए भारत साधु समाज के प्रदेश अध्यक्ष व पातेपुर मठाधीश श्रीकांत शरण दास ने कहा कि संत की कोई जाति नहीं होती.
वे तो पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए होते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज संतों पर हमले हो रहे हैं और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, सामाजिक चेतना व जागरण के केंद्र रहे मठ-मंदिरों की संपत्ति और जमीन हड़पी जा रही है.
उन्होंने कहा कि साधु-संतों का प्रांतीय सम्मेलन आयोजित करने का उद्देश्य देश में अध्यात्मिक-सांस्कृतिक क्षरण को रोकना, नैतिक मूल्यों की पुर्नस्थापना, गोरक्षा, गोसंवर्धन तथा गंगा की स्वच्छता आदि मुद्दों के प्रति समाज में जागृति पैदा करना है.
तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान संत समाज इन विषयों पर गहन चिंतन-मंथन करेगा. उन्होंने बताया कि बिहार के अलावे दूसरे प्रांतों में भी इस तरह का सम्मेलन आयोजित कर देश भर के साधु-संतों, धर्मावलंबियों को जोड़ा जा रहा है.
देश भर से जुटे साधु-संतों का भव्य स्वागत: भारत साधु समाज के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी हरिनारायणानंद, वाराणसी के संत अविमुक्तेश्वरानंद, राम सुमरन दास, बिहटा के राम सेवक दास, गुजरात जूनागढ़ के मुक्तानंद ब्रह्मचारी, पुनौराधाम, सीतामढी के कौशल किशोर दास, राजगीर के स्वामी विवेक मुनि, खाक चौक अयोध्या के प्रेमदास मुनि, दामोदर दास, परशुराम दास, विजयराम दास, बलराम दास, प्रेमदास ब्रह्मचारी, हनुमानगढ़ी के रामदास महाराज, दशरथ गढ़ी के बृजमोहन दास, कोटा, राजस्थान के साकेत दास, पोखराम, दरभंगा के रामशंकर दास, राघवेंद्र दास, लदहो के राघव दास समेत दो सौ से अधिक साधु-संतों का पातेपुर बाजार के रामानंदपुरी स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर परिसर में भव्य स्वागत किया गया. पातेपुर महंत विश्वमोहन दास ने सभी संतों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया.
निकाली शोभायात्रा
साधु-संतों के सम्मान के बाद मंदिर परिसर से बाजे-गाजे के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी. रथ एवं अन्य वाहनों पर सवार हो शोभायात्रा के साथ रामानंदपुरी से कूच करने वाले संतों पर पातेपुर बाजार के विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा पुष्प पंखुरी बरसाये गये. नगर भ्रमण करते हुए आयोजन स्थल तक शोभा यात्रा को पहुंचने में करीब तीन घंटे लगे.
शोभायात्रा में पातेपुर समेत अन्य इलाकों के अलावे दूर-दराज के श्रद्धालु भारी संख्या में शामिल थे. रास्ते से गुजरने वाले संतों का स्वागत करने के लिए हजारों लोग सड़क किनारे खड़े थे.
जगह-जगह साधु-संतों के काफिले पर फूल बरसाये जा रहे थे. कार्यक्रम के संचालन में रालोसपा नेता राजकुमार सिंह, संत पॉल के निदेशक शिशिर समीर, मो छोटे, विशेश्वर भारती, विनोद सिंह समेत अन्य लोग थे.