महनार : सूर्य उपासना के महापर्व चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के तीसरे दिन गुरुवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ दिया. छठ के पहले अर्घ को लेकर घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था.
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कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…
महनार : सूर्य उपासना के महापर्व चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के तीसरे दिन गुरुवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ दिया. छठ के पहले अर्घ को लेकर घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था. दोपहर के बाद व्रती अपने परिवार के साथ बांस के सूप में फल व ठेकुआ […]
दोपहर के बाद व्रती अपने परिवार के साथ बांस के सूप में फल व ठेकुआ लेकर प्रत्यक्ष देव सूर्य को प्रथम अर्घ अर्पण किया. छठ को लेकर घरों से लेकर बाजारों आदि जगहों पर भक्तिमय वातावरण रहा. छठ गीत कांच ही बास के बहंगिया-बहंगी लचकत जाए.. जैसे गीत से घर से लेकर बाजार तक में बजते रहे.
चैती छठ अधिकांश व्रती मन्नत पूरी होने पर करते है, इसलिए इस छठ को आम बोलचाल की भाषा में मनौती छठ भी कहा जाता है. छठ पर्व को लेकर दोपहर तक बाजारों में भीड़-भाड़ बढ़ गया. शाम चार बजे के बाद बाजार भी शांत हो गया. बाजारों में नारियल, ईंख, अलतापात आदि की अस्थायी दुकानों से लोगों ने खरीदारी की.
छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पण करने के बाद शाम को घर लौट कर अपने आंगन एवं छत पर कोसी भर धन-धान्य की कामना कर अपने पुत्र एवं पति की दीर्घजीवन के लिए मन्नतें मांगी. नदी, तालाबों में पानी नहीं रहने पर अधिकांश व्रतियों ने अपने दरवाजे व छतों पर ही भगवान भास्कर को अर्घ दिया.
लालगंज. लोक आस्था एवं सूर्योंपास्ना का महापर्व चैती छठ के अवसर पर गुरुवार की शाम नारायणी नदी के बसंता जहानाबाद घाट, जलापुर घाट, बारबे घाट, नगर क्षेत्र के थानापोखर व प्रखंड क्षेत्र के अन्य पोखर तालाबों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बोर्डिंग एवं चापाकलों पर घाट का निर्माण कर व्रतियों ने श्रद्धापूर्वक भगवान सूर्य को सांध्य अर्घ दिया.
जो शनिवार को सुबह के अर्घ में साथ पूर्ण हो जायेगी. पर्व के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ लालगंज के बसंता जहानाबाद घाट पर देखी गयी. पुलिस प्रशासन की चौकसी देखी गयी. वहीं बसंता जहानाबाद घाट पर घाट निर्माण एवं लोगों के सुरक्षा के कार्यों में स्थानीय समाजसेवियो रंजीत राय, गणेश राय, वार्ड पार्षद अरूण कुमार आदि शामिल थे.
राजापाकर. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बाजारों, हाटोल, चौक चौराहों पर चैती महाछठ पर्व को लेकर लोगों की भारी भीड़ देखी गयी. गुरुवार को संध्या समय छठ व्रतियों ने डूबते सूरज को अर्घ दिया एवं सूर्य भगवान से देश दुनिया परिवार समाज के सलामती की दुआ मांगी. बाजार हाटो में छठ व्रत के सामान खरीदने के लिए महिला पुरुष बच्चों की चहल-पहल देखी गयी. पानी के अभाव में लोगों ने अपने दरवाजे पर गड्ढे की खुदाई कर उसमें पानी भर कर चैती महा छठ पर्व किया.
देसरी. सहदेई और देसरी प्रखंड क्षेत्र में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ हर्षोउल्लास और निष्ठापूर्वक मनाया गया. पर्व को लेकर लोगों में आस्था झलक रही थी. सहदेई बुजुर्ग प्रखंड क्षेत्र के शेखोपुर, चकजमाल, फतेहपुर, रामपुर बघेल, बाजितपुर चकस्तुरी, सलहा, मुरौवतपुर, सुलतानपुर, नयागांव पूर्वी, नयागांव पश्चिमी, मजरोही, चकफैज और देसरी प्रखंड के देसरी, उफरौल, गाजीपुर, जफराबाद, बभनीमठ, धर्मपुर रामराय, जहांगीरपुर शाम, ममरेजपुर, भिखनपुरा, तैयबपुर, रसलपुर हबीव, चांदपुरा, कुड़वा, आजमपुर समेत अन्य जगहों पर गांगा नदी, पोखर एवं दरवाजों पर गड्ढा खोदकर उसमें पानी डालकर व्रतियों ने गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया. शुक्रवार को व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ देंगी.
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